ब्रह्मलीन यति सिरोमणि कृष्णानन्देन्द्र सरस्वती का 16 दिवसीय अनुष्ठान सकुशल सम्पन्न - जनसच न्यूज़

Breaking

नमस्ते जनसच न्यूज़ में आपका स्वागत है , जनसच तक अपनी बात jansach20@gmail.com के माध्यम से पहुचायें |

Post Top Ad

Post Top Ad

Sunday, April 20, 2025

ब्रह्मलीन यति सिरोमणि कृष्णानन्देन्द्र सरस्वती का 16 दिवसीय अनुष्ठान सकुशल सम्पन्न

 

रिपोर्ट -त्रिपुरारी यादव 

वाराणसी। नारद घाट स्थित दत्तात्रेय मठ में महान तपस्वी एवं विरक्त संत यति सिरोमणि स्वामी कष्णनंदेन्द्र सरस्वती  "नारायण स्वामी" के ब्रह्मलीन होने के सोढ़षी के दिन सर्वप्रथम स्वामी जी के चित्र पर माल्यार्पण कर एवं ऋग्वेद , यजुर्वेद, सामवेद इसके पश्चात शुक्ल यजुर्वेद और  कृष्ण यजुर्वेद से आराधना पाठ किया गया। तत्पश्चात दण्डी संन्यासियों का पैर धोकर सन्यासी पूजन वैदिक परम्परा की सर्वोच्च विधि के अनुसार किया गया। भावान्जली देते हुये दत्तात्रेय मठ के मुख्य आचार्य सम्पूर्णानंद दिव्य चेतन ब्रह्मचारी ( जटागुरू) ने कहा कि यति शिरोमणि महान तपस्वी दण्डी स्वामी कष्णनंदेन्द्र सरस्वती जी अपनी अंतिम इच्छा के अनुसार सिन्धिया घाट पर मां मणिकर्णिका का दिव्य मंदिर बनवाकर और प्राणप्रतिष्ठा की तिथि 2 जून से 5 जून निर्धारित करके एवं अनुष्ठान की लगभग सम्पूर्ण व्यवस्था करके गये हैं।  संन्यासियों एवं भक्तों ने मां मणिकर्णिका मंदिर का दिव्य अनुष्ठान कराने एवं पूरी श्रद्धा एवं समर्पण से सहभागिता का संकल्प लिया। दण्डी संन्यासियों  ने भिक्षा ग्रहण किया एवं भक्तों को महाप्रसाद ग्रहण कराकर  ब्रह्मलीन यति सिरोमणि कृष्णानन्देन्द्र सरस्वती का 16 दिवसीय अनुष्ठान सम्पन्न हुआ। ज्ञातव्य हो कि चैत्र शुक्ल अष्टमी पुनर्वसु नक्षत्र में नारद घाट स्थित दत्तात्रेय मठ में सायं 02.10 पर अपने साकार स्वरूप को त्याग कर दण्डी संन्यासी ब्रह्मलीन हुये हैं तभी से दत्तात्रेय मठ के मुख्य आचार्य सम्पूर्णानंद दिव्य चेतन ब्रह्मचारी ( जटागुरू) के यजमानी में विरक्त संत दण्डी स्वामी कृष्ण नंदेन्द्र सरस्वती (नारायण स्वामी) के विश्वनाथ में लीन होने के दिन से वैदिक परम्परा के अनुसार 16 दिवसीय विविध अनुष्ठान किया गया। अनुष्ठान में प्रमुख रूप से दत्तात्रेय मठ के मुख्य आचार्य सम्पूर्णानंद दिव्य चेतन ब्रह्मचारी ( जटागुरू)  विनय शंकर राय "मुन्ना", नीरज सिंह, विश्व नाथ ब्रह्मचारी, विश्व चेतन ब्रह्मचारी, वाभनानंद सरस्वती, गगन प्रकाश यादव, घनपाठी गुरुप्रसाद, राजू गुरू, आशीष रस्तोगी "किशन", सुब्रमण्यम जी, डब्लू जायसवाल, कृपा शंकर राय, सुरेश चौरसिया, पप्पू शुक्ला, पवन दुबे, धीरू यादव सहित इत्यादि भक्त शामिल थे।



No comments:

Post a Comment



Post Bottom Ad