रिपोर्ट -त्रिपुरारी यादव
वाराणसी। बनारस रेल इंजन कारखाना में ‘100 दिवसीय टीबी मुक्त भारत जन भागीदारी अभियान’ का सोमवार को सकुशल समापन हुआ। बरेका चिकित्सालय के सभागार में आयोजित इस कार्यक्रम में विभिन्न स्वास्थ्य विशेषज्ञों, अधिकारियों, कर्मचारियों और उनके परिवारों ने भाग लिया।इस अभियान की शुरुआत बरेका के महाप्रबंधक नरेश पाल सिंह द्वारा की गई थी। बीते 100 दिनों में बरेका ने टीबी उन्मूलन के लक्ष्य को लेकर व्यापक जनजागरण और सामुदायिक भागीदारी को बढ़ावा दिया।समापन समारोह की अध्यक्षता करते हुए डॉ. मधुलिका सिंह ने कहा, "टीबी मुक्त भारत का सपना तभी साकार होगा जब हर नागरिक इस अभियान में अपनी जिम्मेदारी निभाए। बरेका ने न केवल अपने कर्मचारियों बल्कि उनके परिवारों व समुदाय में भी टीबी के प्रति जागरूकता फैलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।"बरेका प्रशासन ने इस अभियान के तहत स्वास्थ्य जांच शिविरों, जन जागरूकता सेमिनार एवं वर्कशॉप्स, नुक्कड़ नाटक एवं जागरूकता रैलियां, टीबी के लक्षणों और बचाव के उपायों पर विशेषज्ञ व्याख्यान का आयोजन किया।इस मौके पर डॉ. मिनहाज़ अहमद ने कहा, "टीबी एक ऐसी बीमारी है जिसे समय पर पहचाना और सही इलाज से पूरी तरह ठीक किया जा सकता है। सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं में इसका उपचार निःशुल्क उपलब्ध है।" उन्होंने सभी से अपील की कि वे इस बीमारी के प्रति जागरूक रहें और दूसरों को भी जानकारी दें।कार्यक्रम के दौरान डॉ संतोष कुमार मौर्या ने कहा कि हमें सुनिश्चित करना होगा कि हमारे समाज में कोई भी टीबी से प्रभावित न हो और इसका इलाज हर व्यक्ति तक पहुंचे। समय पर निदान और इलाज से इस बीमारी को जड़ से खत्म किया जा सकता है।समापन समारोह में स्वास्थ्य विभाग के पैरामेडिकल स्टाफ, कर्मचारी परिषद के सदस्य और विभिन्न विभागों के अधिकारीगण उपस्थित रहे।बरेका का यह प्रयास ‘टीबी मुक्त भारत’ के संकल्प को साकार करने में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस अभियान की सफलता से प्रेरित होकर भविष्य में भी ऐसे स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
No comments:
Post a Comment