"आर्थिक समृद्धि हेतु सब्जियों द्वारा फसल विविधीकरण" विषय पर किसान गोष्ठी का आयोजन - जनसच न्यूज़

Breaking

नमस्ते जनसच न्यूज़ में आपका स्वागत है , जनसच तक अपनी बात jansach20@gmail.com के माध्यम से पहुचायें |

Post Top Ad

Post Top Ad

Friday, February 28, 2025

"आर्थिक समृद्धि हेतु सब्जियों द्वारा फसल विविधीकरण" विषय पर किसान गोष्ठी का आयोजन

रिपोर्ट -त्रिपुरारी यादव  

वाराणसी आराजी लाइन विकासखंड क्षेत्र के शाहंशाहपुर स्थित भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान में शुक्रवार को अनुसूचित जाति उप योजना (एससीएसपी) के अंतर्गत "आर्थिक समृद्धि हेतु सब्जियों द्वारा फसल विविधीकरण" विषय पर एक विशेष किसान गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस योजना को संस्थान द्वारा वाराणसी, मिर्जापुर, सोनभद्र, चंदौली समेत 7 जिलों के कई ब्लॉकों और 54 गांवों में संचालित किया जा रहा है। इस कार्यक्रम में इन जिलों के 500 से अधिक महिला एवं पुरुष किसानों और कृषि उद्यमियों ने भाग लिया।कार्यक्रम में एससीएसपी योजना के किसान क्लस्टर की अध्यक्षा सावित्री देवी थीं। मुख्य अतिथि में डॉ. एन.पी. सिंह, पूर्व कुलपति, बांदा कृषि विश्वविद्यालय और विशिष्ट अतिथि डॉ. ए.बी. राय, पूर्व विभागाध्यक्ष, भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान शामिल थे। संस्थान के कार्यकारी निदेशक डॉ. नागेन्द्र राय ने स्वागत संबोधन में बताया कि भारत सरकार द्वारा संचालित इस योजना के अंतर्गत अनुसूचित जाति के लोगों को शिक्षा, रोजगार, कौशल विकास और उद्यमिता के क्षेत्र में विभिन्न लाभ प्रदान किए जाते हैं। उन्होंने बताया कि संस्थान ने 33 सब्जियों की 129 प्रजातियों एवं संकरों का विकास किया है और जलवायु अनुकूल प्रजातियों, सब्जी फसल सुरक्षा, पोषण सुरक्षा, मूल्यसंवर्धन, निर्यात, और शहरी उद्यानिकी के साथ ही समन्वित कृषि प्रणालियों पर शोध कर रहा है।एससीएसपी योजना के किसान क्लस्टर की और से अध्यक्षा सावित्री देवी ने संस्थान द्वारा किए जा रहे लाभकारी कृषि कार्यों की प्रशंसा करते हुए इन्हें आगे भी जारी रखने का निवेदन किया। सम्मानीय अतिथि डॉ. अवधेश बहादुर राय ने अपने संबोधन में कीट एवं व्याधि नियंत्रण हेतु जैविक कीट एवं रोग रोधी दवाओं के प्रयोग और बीजोपचार पर जोर दिया।मुख्य अतिथि  डॉ. एन.पी. सिंह ने किसानों की आय में वृद्धि, वैज्ञानिक सोच को जगाने और बाजारोन्मुखी सब्जी फसलों की खेती पर जोर दिया। उन्होंने किसानों से गांव से पलायन रोकने, गांव में ही रोजगार सृजन करने और गांव में रहते हुए खेती करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि कृषि शोध संस्थान किसानों के लिए किसी पूजा स्थल से कम नहीं होता, इसलिए किसानों को विज्ञान, वैज्ञानिकों एवं वैज्ञानिक संस्थानों से जुड़कर वैज्ञानिक सोच विकसित करने की आवश्यकता है। इस परियोजना के नोडल अधिकारी डॉ. नीरज सिंह ने बताया कि यह योजना समावेशी विकास को बढ़ावा देने के साथ-साथ अनुसूचित जाति समुदाय को मुख्यधारा की अर्थव्यवस्था से जोड़ने में सहायक सिद्ध हो रही है। संस्थान ने मिर्जापुर जिले के सीखड़ एवं नारायणपुर विकासखंडों में पांच क्लस्टर बनाए हैं, जिनमें लगभग 100 किसानों का चयन किया गया है।इस अवसर पर एक प्रदर्शनी का आयोजन भी किया गया जिसमें भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान द्वारा सब्जी तकनीकों एवं अंतरराष्ट्रीय चावल अनुसन्धान संस्थान द्वारा चावल की नवीन किस्मों, उत्पादन तकनीकों एवं ड्रोन तकनीक का प्रदर्शन किया गया। अतिथियों द्वारा किसानोपयोगी प्रकाशनों का विमोचन एवं वितरण भी किया गया। कार्यक्रम में डॉ. पी.एम. सिंह, डॉ. राजेश कुमार, डॉ. अनंत बहादुर, डॉ. अरविन्द नाथ सिंह समेत संस्थान के सभी वैज्ञानिक, कर्मचारी, शोध अध्येता एवं छात्र उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन डॉ. आत्मानन्द त्रिपाठी ने किया और धन्यवाद ज्ञापन डॉ. डी.पी. सिंह ने दिया।



No comments:

Post a Comment



Post Bottom Ad