सरकार को सुझाव दिया था मगर कोई ध्यान इस बजट में नहीं दिया गया-सांसद छोटेलाल खरवार
चन्दौली संसद में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट पेश करने के बाद समाजवादी पार्टी राबर्ट्सगंज के सांसद कुंवर छोटेलाल खरवार की प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने कहा है कि सरकार लाख हवा हवाई बजट पास कर ले मगर SC/ST/OBC व्यापारी, किसान, के लिए यह बजट खोखला है।पूर्व में सदन के माध्यम से मेरे द्वारा उपरोक्त सभी गरीबों के लिए उत्थान कैसे होगा उसपर सरकार को सुझाव दिया था मगर कोई ध्यान इस बजट में नहीं दिया गया।
12 लाख टैक्स फ्री देकर ढिंढोरा पिटने वाली भारतीय जनता पार्टी सरकार यह बाताए की 12 लाख टेक्स में छूट पैसा वालों के लिए हो गया, परन्तु 12 लाख रूपए गरीब, मजदूर, व्यापारी, किसान, युवा इत्यादि लोग कहां से पाएंगे। 12 लाख कैसे कमाएंगे यह सरकार बताये?SC/ST व युवाओं के लिए उच्च स्तरीय शिक्षा फ्री, सब्सिडी पर शिक्षा लोन फ्री, चिकित्सा फ्री, किसानों को व्यापारियों को सब्सिडी पर लोन देकर विकास किया जाए ताकि अभी तक गरीब, किसान व व्यापारी इत्यादि लोग जमीन बेचकर बेटी की शादी करते है, यह सभी लोग जमीन बेचकर अपनी बेटी की शादी ना करें,ऐसी सुविधा सरकार सुनिश्चित करें।उपरोक्त सभी के लिए यह बजट खोखला है।बल्कि 12 लख लोन फ्री में देकर 5 साल तक रोजगार का अवसर देना चाहिए बल्कि उपरोक्त सभी के लिए बकरी लोन, गाय - भैस लोन,भेड़ लोन, सूअर लोन, व्यापारी लोन, किसान लोन, युवा शिक्षा लोन इत्यादि लोन से पैसा देकर उपरोक्त सभी लोगों का उत्थान करना चाहिए। स्कूल में खाना बनाने वाली रसोईया महिलाओं को वेतन/मानदेय बढ़ाना चाहिए उसीप्रकार आशा, आंगनबाडी, शिक्षामित्रों, आपदाओ समूह सखियों को भी वेतन/ मानदेय बढ़ाना चाहिए।मगर इस बजट में इन सभी के लिए कुछ नहीं है। इस बजट में तो देश के मान्यता प्राप्त मीडिया के लोगों को यात्रा में रेलवे विभाग द्वारा 50% छूट मिलता था, यह सुविधा 5 सालों से बंद है, इस पर भी बजट में विचार करना चाहिए। तथा दलितों का मसीहा बताने वाले, संविधान को माथे पर लगाने वाले भारतीय जनता पार्टी के लोग बने हुए दलितों के कांसीराम आवास पर नज़र नहीं गयी, कई वर्षो से वहाँ साधन सुविधा, पानी, चिकित्सा, शिक्षा व बने हुए सरकारी आवासों का कोई खबर लेने वाला नहीं है। केवल दलितों का वोट लेने के लिए मायाजाल रचते हैं। उन आवासों का रंगाई पुताई होगा या नहीं किसी को चिंता नहीं है।मेरे द्वारा यह भी सुझाव दिया गया था की वन अधिकार कानून में संशोधन किया जाए। SC/ST आदिवासियों के ज़मीनों पर बाहरी लोगों का कब्जा है, री-सर्वे करा कर उनकी जमीन वापस किया जाय तथा वन अधिकार कानून के तहत कब्जे वाले जमीन पर सभी के लिए पट्टा करना चाहिए मगर यह भी कार्य नहीं हो पाया है। जिससे आदिवासी सहित सभी लोग सरकार से नाराज़ है।
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