बिजली कानून संशोधन वापस लेने के लिए हुआ धरना प्रदर्शन - जनसच न्यूज़

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Monday, February 10, 2025

बिजली कानून संशोधन वापस लेने के लिए हुआ धरना प्रदर्शन

 

चन्दौली भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) ब्रांच कमेटी बुधवार के नेतृत्व में बिजली पवार हाउस बिलारीडीह (गौरी) फीडर पर सैकड़ों महिलाओं,नौजवानों,मजदूरों,किसानों ने एक दिवसीय धरना देकर बिजली कानून संशोधन 2022को वापस लेने व वाराणसी और आगरा विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के फैसले को वापस लेने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार  को संबोधित10 सूत्रीय मांग पत्र एस डी ओ  जीवनथपुर के माध्यम से सौंपा। धरने को संबोधित करते हुए मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (CPM) के राज्य कमेटी सदस्य कामरेड गुलाब चन्द ने कहा कि यह मोदी और योगी की डबल इंजन की सरकार बिजली का निजीकरण करके गरीबों के घर से उनका चिराग भी बुझा देना चाहती है। महंगाई और बेरोजगारी की वजह से कराह रही जनता बिजली के और अधिभार को झेलने में असमर्थ है।गुलाब चन्द ने कहा कि 1948में ही बाबा साहब डा .भीमराव अंबेडकर ने संविधान की प्रस्तावना में ही बिजली एक सामाजिक जरूर की चीज है उसे बिना लाभ हानि को सरकार की जिम्मेदारी है कि जनता को मुहैया कराने की बात लिखी है। लेकिन संविधान की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं,बिजली के निजीकरण से आम उपभोक्ताओं और कर्मचारियों दोनों पर गाज गिरने वाली है। किसान नेता सतीश चन्द ने कहा कि सरकार अपने वादे के मुताबिक 200 यूनिट बिजली फ्री करने से मुकर रही है।बिजली का निजीकरण करके किसानों की खेती की लागत को बढ़ाया जा रहा है,निजी क्षेत्र में बिजली जाने से पूंजीपति मालोमाल होंगे,जनता तबाह होगी।धरने को कामरेड जोखू, बुद्धिराम,लालचंद, शकुन्तला देवी,शांति देवी, मिठाईलाल, चरणदास, कन्हैया,सहेंदर चौहान, मन्नू शर्मा, तिलकधारी, कालीचरण , नाथूराम, नरेंद्र, राकेश कुमार ने संबोधित किया। और गुड्डू रंगीला ने क्रांतिकारी गीत प्रस्तुत किया।धरने की अध्यक्षता कामरेड श्यामप्यारी देवी व संचालन कामरेड जालंधर ने किया।



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