रिपोर्ट -त्रिपुरारी यादव
वाराणसी। प्रबोधिनी भवन फुलवरिया में आयोजित मराठा सेवा संघ एवं स्वामी सहजानंद विचार मंच के तत्वाधान में आयोजित बैठक विविध किसान, सामाजिक एवं राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता एक साथ किसान के उत्थान एवं सम्मान के लिये मंथन किये। बैठक की अध्यक्षता करते हुए पूर्व मंत्री सुरेन्द्र पटेल ने कहा कि जो किसानी कभी समृद्धि की द्योतक थी आज लाचारी की परिचायक हो गयी है आज जरूरत है अन्नदाता के लिये सृजनात्मक कार्य करने की। मुख्य वक्ता अविनाश काकड़े ने कहा कि सबका भरण-पोषण करने वाला अन्नदाता आज अंतिम पायदान पर खड़ा होकर अपने अस्तित्व के लिये सिसक रहा जो कृषि प्रधान देश का दुर्भाग्य है। मुख्य अतिथि मराठा सेवा संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष कामा जी पवार ने कहा कि मराठा संघ छत्रपति शिवाजी महाराज और स्वामी सहजानन्द सरस्वती की जयंती पर किसान प्रदर्शनी के माध्यम से महापुरूषों के गौरवशाली इतिहास को प्रदर्शित किया जायेगा एवं किसान मेला के माध्यम से प्रगति शील के उन्नति कार्यशैली एवं कृषि उत्पाद से बनी सामग्रियों की दुकानों से वाराणसी सहित पूर्वाचल के किसानों को रूबरू किया जायेगा। विशिष्ट अतिथि राघव शरण शर्मा प्रख्यात लेखक ने कहा कि संगठित किसान अंदोलन के जनक स्वामी सहजानंद सरस्वती किसान मजदूर का राज स्थापित कर सत्ता के केन्द में किसान मजदूर को रखने हेतु नारा दिया कि जो अन्न वस्त्र उपजायेगा वह सो कानून बनायेगा,यह भारत वर्ष उसी का है शासन वही चलायेगा। कार्यक्रम के अतिथि आर एस पटेल ने कहा कि वाराणसी को किसान कल्याण के कार्यक्रम का केन्द्र छत्रपति शिवाजी महाराज एवं स्वामी सहजानंद सरस्वती के पद चिन्ह पर चलकर बनाना होगा। कार्यक्रम का संचालन किसान नेता विनय शंकर राय " मुन्ना" एवं धन्यवाद ज्ञापन उदय पटेल ने किया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से साझा संस्कृति मंच के बल्लभ पाण्डेय, सहजानंद विचार मंच के अनिल सिंह, संजीव सिंह, दखल संगठन की डा. इन्दू पाण्डेय, मोहनसराय किसान संघर्ष इतिहास के मेवा पटेल, विवेक यादव, श्रद्धा राय, बुनकर नेता मोहम्मद अकरम, अजीत सिंह, विजय नारायण वर्मा , विश्वनाथ कुंवर, सतीश पटेल, धनंजय त्रिपाठी, प्रेम शाह, दिनेश तिवारी , जय प्रकाश मिश्र, पवन सिंह "प्रेम", खटाई लाल शर्मा, राजेश शर्मा सहित इत्यादि लोगों ने विचार व्यक्त किया।
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