रिपोर्ट-ए आर यादव
चन्दौली पीडीडीयू नगर के चंदासी वार्ड 12 के निवासी 86 वर्षीय बनारसी सेठ मृत्यु के बाद समाज को एक नई रोशनी दे गए। देहांत के पश्चात उनके परिजनों ने उनकी आँखें दान की।बनारसी सेठ की मृत्यु रविवार की शाम करीब साढ़े चार बजे वाराणसी हेरिटेज अस्पताल में हुई। नेत्रदान के लिए उनका पंजीकरण, पुत्र डॉक्टर विनय कुमार वर्मा ने वाराणसी आई बैंक सोसाइटी में कराया था। पिता की मृत्यु की सूचना वर्मा ने आई बैंक को दी। देर रात करीब नौ बजे आई बैंक प्रभारी डॉ अजय मौर्या अपनी टीम के साथ पहुंचे। जहां उन्होंने मृतक की कार्निया सुरक्षित कर लिया। इस दौरान उन्होंने कहा कि नेत्रदान महादान है। नेत्र दान के प्रति लोगों को आगे आने की जरूरत है। कहा कि कोई भी मनुष्य मृत्यु के छ घंटे के भीतर अपना नेत्रदान कर सकता हैं। मौत के बाद लोगों को अपना नेत्रदान कर देना चाहिए ताकि अन्य लोग उसका लाभ ले सकें। कहा कि महानगरों में लोगों में नेत्रदान के प्रति जागरूकता आई है। लोग मरने के तुरंत बाद नेत्र को दान कर रहे हैं। नेत्रदान महादान है। उसे अपने जीवन में अमल करना चाहिए। उनका दाह संस्कार वाराणसी स्थित मणिर्कणिका घाट पर किया गया। मुखाग्नि उनके एकांकी पुत्र डॉ विनय वर्मा ने दी।मौके पर विष्णु कांत अग्रवाल, इंद्रजीत शर्मा,हाजी वसीम, राणा प्रताप सिंह,कैलाश पोद्दार, रामकिशोर पोद्दार, अशाराम यादव, समर बहादुर यादव, इकबाल राजू, प्रकाश चौरसिया,विनोद गुप्ता,अनुराग मौर्य,बबली सेठ, सुशील वर्मा,सत्यम वर्मा,सहित उनके सैकड़ो शुभचिंतक मौजूद रहे।
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