रिपोर्ट -त्रिपुरारी यादव
वाराणसी। विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम-3 वाराणसी की पीठासीन जज सपना शुक्ला के न्यायालय में मुकदमा अपराध संख्या 21 थाना एण्टी करप्शन वाराणसी , भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 संशोधित भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 2018 अंतर्गत धारा 07, 13(1)(b), 13(2) में फर्म सोसाइटीज एवं चिट्स के गिरफ्तार लिपिक अरविन्द कुमार गुप्ता की दिन में लगभग दो बजे पेशी हुई, जिनको न्यायालय ने 14 दिन की न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया।अगली पेशी हेतु नियत तिथि 25 सितंबर 2024 को पड़ी है।शासकीय अधिवक्ता प्रमथेश पाण्डेय एवं कमलेश यादव ने सरकार के तरफ से पक्ष रखते हुये अभियुक्त के उक्त कृत्य को गंभीर अपराध बताते हुये कहा कि सरकारी पद पर बैठकर खुलेआम रिश्वत लेना दण्डनीय अपराध है।शिकायत कर्ता डा संजय सिंह गौतम के अधिवक्ता प्रेम प्रकाश सिंह गौतम, वरिष्ठ अधिवक्ताशैलेंद्र सिंह एवं विक्रम सिंह "रिन्कू" ने कहा कि 2008 में भी उक्त अभियुक्त गोरखपुर में रंगेहाथ रिश्वत लेते हुये गिरफ्तार हो चुका है, जिससे सिद्ध होता है कि अभियुक्त हैबीचुअल भ्रष्टाचारी है एवं फर्म सोसाइटीज एवं चिट्स वाराणसी में भी विगत लगभग दस वर्षो में चार कर्मचारीयों की रिश्वत लेते रंगेहाथ गिरफ्तारी होना प्रमाणित करता है कि उक्त विभाग भ्रष्टाचार का अड्डा बन गया है।जिसकी उच्च स्तरीय न्यायिक जांच होनी चाहिये तथा एण्टी करप्शन पुलिस को शातिर अभियुक्त अरविंद कुमार गुप्ता को रिमांड पर लेकर गंभीरता से जांच करना नितांत आवश्यक है।
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