रिपोर्ट-त्रिपुरारी यादव
वाराणसी आराजी लाइन विकासखंड क्षेत्र के शाहंशाहपुर स्थित भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान के परिसर में आयोजित गाजरघास जागरूगता सप्ताह के दौरान किसानों एवं आमजनता को गाजरघास के दुष्प्रभाव के बारे में जागरूक करने हेतु मनाया गया। गाजरघास जहाँ एक ओर मानव स्वास्थ्य एवं पशुओं में विभिन्न समस्यायें पैदा करती हैं, वहीं दूसरी ओर पर्यावरण को दूषित करती हैं एवं उत्पादकता को कम करते हुए जैवविविधता को भी भारी नुकसान पहुँचाती हैं। इस संबंध में ‘‘गाजरघास जागरूगता सप्ताह’’ के दौरान विभिन्न प्रकार की गतिविधियों को सम्पन्न किया गया। गतिविधियों में गाजरघास को उखाड़ना, शाकनाषियों का छिड़काव, उखाड़े गए गाजरघास से कम्पोष्ट खाद बनाना, बैनर-पोस्टर का प्रदर्षन एवं क्षेत्र प्रदर्शन किया गया। इस अवसर पर संस्थान के परिसर पर किसानों के समूह को भी ट्रेनिंग दिया गया। 20 एवं 22 अगस्त को संस्थान के शोध फार्म प्रक्षेत्र पर वैज्ञानिको, तकनिकी अधिकारियों एवं समस्त कर्मचारियों द्वारा गाजरघास उखाड़ने का कार्य किया गया और संस्थान के शोध फार्म प्रक्षेत्र को गाजरघास से मुक्त किया गया। इस अवसर पर संस्थान के निदेषक डॉ. नागेन्द्र राय ने कहा कि गाजरघास का उन्मूलन सभी लोगों के समन्वित प्रयास से ही संभव है। इसलिए इस दिशा में सभी को मिलकर कार्य करने की आवश्यकता है। गाजरघास जागरूगता सप्ताह के कार्यक्रमों का आयोजन संस्थान के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. एस. के. सिंह के द्वारा आयोजित किया गया।
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