रिपोर्ट -त्रिपुरारी यादव
वाराणसी रोहनिया। स्थानीय थाना क्षेत्र के हाईवे स्थित भदवर हेरिटेज इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज वाराणसी के प्रशिक्षु एमबीबीएस डॉक्टरों ने वेतन बढ़ाने की माँग को लेकर शुक्रवार को मुख्य गेट को बंद कर जमकर विरोध प्रदर्शन व नारेबाजी किया।अल्प वजीफे के अन्याय के खिलाफ विरोध करने का फैसला किया जिसका नियमित भुगतान भी नहीं किया जाता है।प्राप्त जानकारी के अनुसार 2019 का बैच नवगठित योग्यता आधारित चिकित्सा शिक्षा (सीबीएमई) पाठ्यक्रम के तहत प्रवेश पाने वाला पहला बैच है।इस पाठ्यक्रम के अनुसार 2019 बैच के नए उत्तीर्ण स्नातक 'भारतीय चिकित्सा स्नातक' हैं। प्रशिक्षुओं को न्यूनतम 5000 प्रतिमाह (जो कि 160 रुपये/दिन) की न्यूनतम राशि का भुगतान किया जाता है जो उत्तर प्रदेश मेडिकल काउंसिल के निर्देशों के साथ-साथ इन प्रशिक्षुओं द्वारा किए जाने वाले समर्पित कार्य की मात्रा के अनुरूप नहीं है।वही विरोध प्रदर्शन कर रहे प्रशिक्षु डॉक्टरों ने बताया कि कॉलेज प्रशासन ने यह कहकर अपना बचाव किया है कि वे प्रशिक्षुओं को और अधिक पैसे नहीं दे सकते क्योंकि उन्हें अपने बुनियादी ढांचे एमआरआई मशीनों आदि के लिए धन की आवश्यकता है।इसके लिए कॉलेज अधिकारियों को एक औपचारिक अनुरोध प्रस्तुत किया गया था लेकिन इस पर कोई संतोषजनक प्रतिक्रिया नहीं होने के कारण प्रशिक्षुओं को विरोध में पूर्ण हड़ताल का सहारा लेना पड़ा।युवा डॉक्टरों की मांगें न्यूनतम हैं वे नियमित भुगतान (बिना किसी असफलता के हर महीने)चाहते हैं और अपने मौजूदा वजीफे 5000/माह से बढ़ाकर सरकार द्वारा अनिवार्य 12000/माह करना चाहते हैं।शुक्रवार सुबह मेडिकल कालेज का मुख्य गेट बंद कर विरोध प्रदर्शन करने की जानकारी मिलते ही चौकी प्रभारी भदवर विनीत कुमार व उप निरीक्षक ऋतुराज मिश्रा पुलिस बल के साथ पहुँचे और शांति ब्यवस्था बनाये रखने का कार्य किया।शुक्रवार सुबह दस बजे से विरोध प्रदर्शन शुरू हुआ जो लगभग पाँच छह घण्टे बाद वेतन बढ़ाये जाने के आश्वासन पर शांत हुआ। तीन सालों से लगातार वेतन बढ़ाने की माँग की जा रही है लेकिन समुचित वेतन देने की कवायत कालेज प्रशासन द्वारा नही शुरू की गयी।कहा गया कि रविवार बन्दी के दिन भी काम कराया जाता है,हम लोगों को 166 रुपया प्रतिदिन व एक घण्टे का 6.90 रुपया दिया जाता है।विरोध प्रदर्शन के दौरान लगभग डेढ़ सौ प्रशिक्षु डाक्टर शामिल रहे।
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