चन्दौली चकिया प्रतिष्ठित बुकर पुरस्कार से सम्मानित जानी मानी अंग्रेजी लेखिका व सामाजिक कार्यकर्ता अरुंधति रॉय और प्रसिद्ध राजनीतिक विश्लेषक व कश्मीर केंद्रीय विवि के पूर्व प्रोफेसर शेख शौकत हुसैन पर करीब चौदह साल पहले एक कार्यक्रम में दिए गए वक्तव्य को आधार बनाकर,उनके खिलाफ (यूएपीए) जैसे दमनकारी कानून के तहत मुकदमा चलाने के लिए दिल्ली के उपराज्यपाल द्वारा दिये गए हालिया आदेश की हम तीव्र भर्त्सना करते हैं। उक्त बातें अरुंधति राय व शेख शौकत हुसैन के ऊपर यूएपीए के तहत मुकदमा चलाने के लिए दिए गए दिल्ली उप राज्यपाल के आदेश के खिलाफ भाकपा(माले) के राष्ट्रव्यापी प्रतिवाद कार्यक्रम के तहत चकिया उप जिलाधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति को भेंजे गए ज्ञापन के बाद प्रेस को दिए गए बयान में भाकपा (माले) जिला सचिव कामरेड अनिल पासवान ने कही।माले जिला सचिव ने कहा कि केंद्र में मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल की शुरुआत में ही आये इस आदेश को हम अभिव्यक्ति की आजादी के विरुद्ध, लोकतांत्रिक बुद्धिजीवियों को निशाने पर लेने और उनका उत्पीड़न करने वाला मानते हैं और मांग करते हैं की अरुंधति रॉय और डॉ. शेख शौकत हुसैन के खिलाफ यूएपीए के मुकदमे को रद्द किया जाए, यूएपीए सहित दमनकारी कानूनों को खत्म किया जाए।सभी राजनैतिक कैदियों को रिहा किया जाए।प्रतिनिधिमंडल में भाकपा(माले) जिला सचिव के अलावा भाकपा (माले)चकिया ब्लाक सचिव कामरेड विजई राम,शहाबगंज ब्लॉक सचिव कामरेड चंद्रिका यादव,अखिल भारतीय खेत एवं ग्रामीण मजदूर सभा चकिया ब्लाक अध्यक्ष कामरेड संजय यादव,आयुष पासवान,पनारु बियार,कृष्णदेव बियार,डब्बू बीयार शामिल रहे।
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