चन्दौली चकिया क्षेत्र के रामशाला गांव स्थित भगवान विश्वकर्मा मंदिर में भगवान विश्वकर्मा सेवा संस्था न्यास की ओर से संस्था के अध्यक्ष सुभाष विश्वकर्मा, रिंकू विश्वकर्मा, राजेश विश्वकर्मा, राजकुमार विश्वकर्मा, रिटायर्ड फौजी श्यामलाल विश्वकर्मा, अनीता शर्मा, मीना विश्वकर्मा, विष्णु प्रसाद विश्वकर्मा के नेतृत्व में शिल्पीकार भगवान विश्वकर्मा का पूजनोत्सव नवरात्र के प्रथम रविवार को धूमधाम से मनाया गया। इस दौरान पहुंचे समाज के लोगों ने पूजन-अर्चन किया। साथ ही सुख-समृद्धि की कामना की।मंदिर परिसर में पूजा को समाज के रामकेश विश्वकर्मा द्वारा भगवान विश्वकर्मा का विधि विधान से हवन पूजन कर कराया गया।कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विधायक कैलाश आचार्य ने भगवान विश्वकर्मा जी का दर्शन पूजन करने के बाद उनके जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना की तो इस सृष्टि को सजाने और संवारने की जिम्मेदारी भगवान विश्वकर्मा को दिया गया। जो हिन्दू धर्मग्रंथों की मान्यता के अनुसार भगवान विश्वकर्मा को देवताओं के महलों का वास्तुकार भी कहा जाता है। इसलिए भगवान विश्वकर्मा को दुनिया का सबसे पहला अभियंता और वास्तुकार माना जाता है।उन्होंने समाज को एकजुट होकर उनके उत्थान के लिए सक्रिय होने की अपील की।उन्होंने कहा कि शिक्षा वह विधा है जो समाज को आगे बढ़ाने में मिल का पत्थर बनेगी।उन्होंने इस अवसर पर कहा कि बाबा डा भीमराव अंबेडकर गरीब परिवार के थे जिन्होंने शिक्षा ग्रहण करके ऐसे महान व्यक्ति बने जिन्होंने देश में संविधान लागू करके हमें अपने नियमों के साथ चलने की स्वतंत्रता दी।विश्वकर्मा समाज द्वारा अतिथियों को अंग वस्त्र भेंट कर सम्मानित किया गया। समाज के गायक कलाकारों द्वारा गीत संगीत रामायण पाठ का प्रवचन भी किया गया।विश्वकर्मा उत्थान मंच की जिलाध्यक्ष अनीता शर्मा के पुत्र डॉ अभिषेक विश्वकर्मा को विधायक कैलाश आचार्य ने अंग वस्त्र भेंट कर सम्मानित किया।इस अवसर पर राजेश सिंह, कमला विश्वकर्मा, जगदीश विश्वकर्मा, राजेश विश्वकर्मा, सुरेश विश्वकर्मा,राम अवतार विश्वकर्मा,डा राम अधीन विश्वकर्मा, निखिल सिंह, नंदकिशोर विश्वकर्मा, विजय विश्वकर्मा, राहुल विश्वकर्मा, डा अभिषेक विश्वकर्मा, विजेन्द्र विश्वकर्मा सहित तमाम समाज के लोग मौजूद रहे।कार्यक्रम का संचालन न्यास के अध्यक्ष सुभाष विश्वकर्मा और रिंकू विश्वकर्मा ने किया।
श्रद्धा और विश्वास के साथ पूजे गए भगवान विश्वकर्मा
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