वाराणसी स्थित 11एनडीआरएफ विभिन्न प्रकार की आपदाओं में राहत-बचाव में अग्रणी रहती है। इसके अतिरिक्त धार्मिक आस्था के प्रतीक,पवित्र स्नानों में लोगों की सुरक्षा के लिए भी तैनात होती है। लोक आस्था का महापर्व डाला छठ, मुख्य रूप से सूर्यदेव की उपासना का पर्व है। इस पर्व को लाखों श्रद्धालु काशी में गंगा घाटों पर मना रहे हैं जिनकी सुरक्षा के लिए एनडीआरएफ टीमें वाराणसी के लगभग सभी मुख्य घाटों पर तैनात हैं। वाराणसी में एनडीआरएफ की छः टीमों को विभिन्न घाटों जैसे राजघाट, ललिता घाट, दशाश्वमेध घाट, पंचगंगा घाट, राजेंद्र प्रसाद घाट, केदार घाट, अस्सी घाट, सामने घाट, विश्वसुन्दरीघाट और नजदीकी घाटों पर श्रद्धालुओं की सुरक्षा में गंगा नदी में तैनात किया गया है। इसके साथ ही
वरुणा में शास्त्री घाट, सूर्य सरोवर, ब.रे.का वाराणसी और चन्दौली जनपद के मुगलसराय क्षेत्र में मानसरोवर तालाब एवं दामोदर दास पोखरा में भी टीमों को सुरक्षा के दृष्टिकोण से तैनात किया गया है। एनडीआरएफ की 08 टीमें 28 नावों, वाटर एम्बुलेंस और लगभग 100 से अधिक बचावकर्मियों के साथ वाराणसी व चंदौली के प्रमुख घाटों पर मौजूद हैं। इन टीमों में गोताखोर, पैरामेडिक्स, डीप डाइविंग सेट, लाइफ जैकेट, लाइफ बॉय व अन्य बचाव उपकरणों के साथ छठ पूजा के दौरान घाटों पर तैनात है। छठ पूजा के पावन पर्व पर जहाँ लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ जमा होती है, ऐसे समय में एनडीआरएफ के बचाव कर्मी अधिक गहरे पानी वाली जगहों को चयनित कर श्रद्धालुओं को वहाँ ना जाने की हिदायत दे रहे हैं। एनडीआरएफ के बचाव कर्मी घाटों पर मोटर बोट व प्रशिक्षित गोताखोरों की सहायता से नदी में श्रधालुओं पर अपनी पैनी नज़र रख हुए हैं और किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए तैयार है।इस अवसर पर मनोज कुमार शर्मा, उप महानिरिक्षक 11 एनडीआरएफ ने बताया कि "छठ पूजा के दौरान गत वर्ष की भांति एनडीआरएफ की टीमें वाराणसी के घाटों एवं आस-पास के पोखरों पर श्रद्धालुओं की सुरक्षा में तैनात की गयी हैं और मैं सभी श्रद्धालुओं से अनुरोध करता हूँ कि वे सावधानी बरतते हुए इस पर्व को मनाएं और एनडीआरएफ पूरी श्रद्धा के साथ उनके इस पर्व को सफल बनाने के लिए उनकी सुरक्षा में तैनात है।"Post Top Ad
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