'डीएमए प्रोजेक्ट’ के तहत ग्राम्या संस्थान एवं महिला कल्याण विभाग के द्वारा संयुक्त रूप से जिला स्तरीय कार्यक्रम का आयोजन - जनसच न्यूज़

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Wednesday, October 11, 2023

'डीएमए प्रोजेक्ट’ के तहत ग्राम्या संस्थान एवं महिला कल्याण विभाग के द्वारा संयुक्त रूप से जिला स्तरीय कार्यक्रम का आयोजन

 

चन्दौली 11th अक्टूबर को "अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस" के उपलक्ष्य में ‘डीएमए प्रोजेक्ट’ के तहत ग्राम्या संस्थान एवं महिला कल्याण विभाग, चन्दौली द्वारा संयुक्त रूप से जिला स्तरीय कार्यक्रम का आयोजन, कृषि विज्ञान केन्द्र (KVK), चन्दौली में किया गया । दुनियाभर में बालिकाओं की हिस्सेदारी बढ़ाने, उसके सेहतमंद जीवन से लेकर शिक्षा और करियर के लिए मार्ग बनाने के उद्देश्य से हर साल 11 अक्तूबर को ‘अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस’ मनाया जाता है । इस दिन लड़कियों को उनके अधिकारों और सशक्तिकरण के प्रति जागरूक किया जाता है । भारत समेत कई देशों में लड़कियों/महिलाओं को कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है । एक बच्ची के जन्म से लेकर परिवार में उसकी स्थिति, शिक्षा के अधिकार और करियर में लड़कियों/महिलाओं के विकास में आने वाला बाधाओं को दूर करने के लिए जागरूकता फैलाना ही ‘अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस’ का उद्देश्य है। 

ग्राम्या संस्थान द्वारा DMA प्रोजेक्ट का क्रियान्वयन लक्षित समुदाय (दलित, वंचित एवं आदिवासी) समुदायों की किशोरियों एवं महिलाओं के साथ नौगढ़ एवं चकिया ब्लॉक के विभिन्न ग्राम पंचायतों में किया जा रहा है ।

 कार्यक्रम का शुभारम्भ समारोह के मुख्य अतिथि मा. अपर जिला न्यायाधीश एवं सचिव- जिला विधिक सेवा प्राधिकरण एवं आमंत्रित अतिथियों के द्वारा दीप प्रज्वलन से किया गया। इसके पश्चात उपस्थित किशोरियों के एक छोटे समूह के स्वागत गीत प्रस्तुति एवं पुष्पगुच्छ देकर सभी अतिथियों का स्वागत किया गया।  

ग्राम्या संस्थान की प्रमुख बिन्दु सिंह ने सभी प्रतिभागियों को संबोधित करते हुये दिवस के महत्व के बारे में बताया कि इसकी शुरुवात वर्ष 2012 में हुयी थी, तब से लेकर अब तक प्रत्येक वर्ष अलग- अलग थीम पर यह मनाया जाता है । उन्होनें कहा कि आज का दिन बालिकाओं का है। आज लड़कियों के समक्ष कई चुनौतियाँ हैं जिनमें अशिक्षा, खराब स्वास्थ्य स्थितियाँ, कुपोषण, जेण्डर आधारित भेदभाव के कारण उनका समुचित प्रतिनिधित्व नहीं होना, घरेलू हिंसा के मुद्दे, यौनिक हिंसा एवं कम उम्र में विवाह, सुरक्षा जैसी कुछ प्रमुख चुनौतियाँ हैं । बालिका दिवस के दिन हम सभी यह सुनिश्चित करें कि उनको भी आगे बढ़ाने के लिए हम बराबरी का दर्ज़ा दें, उनका स्वास्थ्य बेहतर हो, उनके अनुकूल स्वास्थ्य सेवाएँ उपलब्ध हों, वे शिक्षित हों और  जेण्डर आधारित हिंसा, भेदभाव के मुद्दों पर आवाज उठाने में सक्षम हों सकें । 

उपस्थित वक्ताओं में से रिज़वाना जी ने लड़कियों की शिक्षा, सुरक्षा तथा पंचायत बैठकों, योजना निर्माण में किशोरियों  के समुचित प्रतिनिधित्व पर जोर दिया। मुख्य मुख्य अतिथि ने कहा कि बालिकाओं को यह समझने की जरूरत है कि उन्हें भी बालकों के समान अधिकार प्राप्त हैं। आज बालिकाओं की शिक्षा एवं उनकी स्थिति में  दो-तीन दशक पहले की तुलना में काफी सुधार हुआ है। जिला समाज कल्याण अधिकारी ने विभाग की योजनाओं के बारे में जानकारी दी। विशेषतः अत्यंत पिछड़े एवं कमजोर सामाजिक आर्थिक स्थिति वाले परिवारों के लिए उपलब्ध योजनाओं के बारे में जानकारी दी । सीओ ने बच्चों के लिए चार मूलभूत अधिकारों, मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना, सहित बच्चों के प्रति होने वाले यौन दुर्व्यहार से सुरक्षा कानून के बारे में मूलभूत जानकारी दी। नारी शक्ति के रूप में उपस्थित किशोरियों को शिक्षित होने पर जोर दिया। इसके लिए सपने देखना, बड़े सपने देखना, अच्छे करियर के बारे में सोचने और आगे बढ़ने के लिये प्रोत्साहित किया किया। बेटियां हमारी शान हैं। सपनों को पूरा करने के लिए, समुचित योजना, ज्ञान, कौशल, समुचित व्यवहार जैसे गुणों का होना आवश्यक बताया । धर्मेन्द्र जी, सीडब्ल्यूसी सदस्य ने भी बालिकाओं को शिक्षित होने के लिए प्रोत्साहित किया। डॉ. किरन त्रिपाठी ने किशोरियों को किसी समस्या होने पर पहले अपने माता- पिता/परिवार सदस्यों से बात करने का सुझाव दिया। उन्होनें 'चुप्पी तोड़ो, खुलकर बोलो' की बात की। डीपीओ ने सभी किशोरियोँ के द्वारा साझा किए गए अनुभवों एवं समारोह में उनके द्वारा दी गई प्रस्तुतियों की सराहना की। उन्होनें कहा कि किसी प्रकार के दुर्व्यवहार, हिंसा, इत्यादि होने पर खुलकर बोलने, शिकायत करने के बारे में बताया। लड़कियां आज लड़कों से किसी मामले में पीछे नहीं हैं। वे सभी क्षेत्रों में आगे बढ़ रही हैं। हमें अपनी मानसिक सोच को बदलने की आवश्यकता पर जोर दिया। 

किशोरियों ने विभिन्न मुद्दों जैसे-जेण्डर भेदभाव, पोषण, स्वच्छता इत्यादि पर गीत प्रस्तुत किया । नौगढ़ एवं चकिया ब्लॉक की कुछ किशोरियों ने परियोजना से जुड़कर मिली सीख एवं अपने अनुभव भी साझा किए । इसके साथ ही एक 'पपेट शो' के जरिये जेण्डर आधारित भेदभाव पर किशोरी एवं संस्था टीम द्वारा प्रस्तुति दी गयी । महिला कल्याण विभाग, चन्दौली के सहयोग से मा. मुख्य अतिथि सहित जनपद के विभिन्न विभागों के अधिकारियों द्वारा किशोरियों को सशक्त बनाने में अग्रणी भूमिका निभाने वाली किशोरियों को स्मृति चिन्ह एवं प्रशस्ति-पत्र देकर सम्मानित किया। इसके साथ ही दो महिला ग्राम प्रधानों को भी सम्मानित किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के तहत चयनित कुछ किशोरियों को लैपटॉप भी दिया गया। इस कार्यक्रम में अतिथिगणों एसडीएम, पुलिस विभाग से सीओ, महिला कल्याण विभाग से श्री प्रभात कुमार, डीपीओ, जिला बाल संरक्षण अधिकारी, महिला कल्याण अधिकारी, जिला समाज कल्याण अधिकारी, सीडब्ल्यूसी सदस्य धर्मेंद्र जी एवं डॉ. किरन त्रिपाठी, रिज़वाना मण्डलीय तकनीकी सलाहकार, चन्दौली, मीडियाकर्मी के साथ ही डीएमए परियोजना कार्यक्षेत्र नौगढ़ एवं चकिया ब्लॉक के विभिन्न ग्राम पंचायतों से लगभग 200 किशोरियों, परियोजना कार्यकर्ताओं एवं संस्था टीम सदस्यों की सहभागिता रही । कार्यक्रम का संचालन परियोजना समन्वयक नीतू ने किया । डीपीओ, चन्दौली ने सभी का आभार प्रकट किया एवं ग्राम्या संस्थान के द्वारा किए गए आयोजन की सराहना की। अंत में बिन्दु सिंह ने धन्यवाद ज्ञापित कर कार्यक्रम समाप्ति की घोषणा की।



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