रिपोर्ट -त्रिपुरारी यादव
वाराणसी। मोहनसराय ट्रान्सपोर्ट नगर के बैरवन, करनाडाड़ी गांव में मंगलवार को मुआवजा लेने वाले किसानों के जमीन का सीमांकन करने भारी पुलिस बल के साथ राजस्व टीम व विकास प्राधिकरण की टीम पहुंची। जिसके दौरान विरोध कर रहे किसानों और पुलिस के बीच झड़प हो गई। देखते ही देखते पुलिस और किसानों के बीच गुरिल्ला युद्ध होने लगा। किसानों ने भी पुलिस के ऊपर पथराव किया जिसके दौरान वाराणसी पुलिस ने बर्बर लाठीचार्ज किया। पीड़ित किसानों का कहना था कि दर्जनों घरों का दरवाजा तोड़ पुरूष पुलिस घर मे घुसकर महिलाओं के साथ अमानवीय और बर्बरता पूर्ण कार्य किए।घरों का समान पुलिस कर्मी क्षतिग्रस्त भी किये और उठा भी ले गये।
जिसको लेकर मोहनसराय किसान संघर्ष समिति के बैनर तले विनय शंकर राय मुन्ना के नेतृत्व में राजातालाब तहसील पर सर्वदलीय धरना पूर्व सांसद राजेश मिश्रा और सपा जिलाध्यक्ष सुजीत यादव "लक्कड" पहलवान ने किया, जिसका राजातालाब तहसील बार ने समर्थन किया। ज्ञातव्य हो कि जिला प्रशासन द्वारा उक्त जमीन के कब्जा के खिलाफ माननीय उच्चन्यायालय इलाहाबाद रीट पेटीशन संख्या 61219/2011मे शपथ देकर 2003 मे ही जमीन भौतिक कब्जा गलत तरीके से दिखाये थे जिसके खिलाफ 21/04/2023 को माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद मे पेटीशनर जगमनी देवी पत्नी कृष्ण प्रसाद पटेल ने उक्त मुकदमें में धारा 340 सीआरपीसी के तहत सबूत के साथ प्रार्थना पत्र देकर सरकारी अधिकारियों द्वारा माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद में गलत शपथ पत्र देने के खिलाफ वैधानिक कार्रवाई की मांग की गई।जिसमे वाराणसी जिलाधिकारी को नोटिस भी हुआ लेकिन जिला प्रशासन माननीय न्यायालय में हाजिर होकर जबाब नही दे रहा है और माननीय न्यायालय की अवमानना कर आज दमनात्मक कार्यवाई की गई। जिसमें सैकड़ो किसान बुरी तरह घायल हुये है। पूर्व सांसद राजेश मिश्र एवं सपा जिलाध्यक्ष सुजीत यादव ने कहा कि जिलाधिकारी वाराणसी 26/07/2021 को मोहनसराय ट्रान्सपोर्ट नगर योजना के डिनोटिफाई करके किसानों की जमीन अवमुक्त करने हेतु आयुक्त एवं निदेशक भूमि अध्याप्ति निदेशालय राजस्व परिषद उत्तर प्रदेश शासन लखनऊ को भेंजे पत्र के बाद पुनः मोहनसराय में ट्रान्सपोर्ट नगर बसाने हेतु बिना किसानों से संवाद किये अवैधानिक तरीके से दमनात्मक कार्यवाई करते हुये कब्जा की कार्यवाई पूर्णतया अवैधानिक है। जिलाधिकारी भूमि अधिग्रहण कानून 2013 की धारा 91(1) के तहत किसानों की जमीन डिनोटिफाई करने हेतु एक बार शासन को पत्र लिखे है और फिर तानाशाही रवैया अपनाकर पुनः ट्रान्सपोर्ट नगर बसाने की पहल करना पूर्णतया कानून का उल्लंघन है। किसान अपनी बहुफसली पुस्तैनी जमीन पर आज भी व्यवसायिक खेती कर अपनी जीविका चला रहे है लेकिन उक्त किसान विरोधी योजना बिना किसानों की सहमति के 2003 में किसानों की खतौनी से जबरदस्ती नाम काटकर वाराणसी विकास प्राधिकरण का दर्ज कर दिया गया।जिससे वैधानिक रूप से किसान अपनी ही जमीन से वंचित हो गये।मोहनसराय किसान संघर्ष समिति के मुख्य संरक्षक किसान नेता विनय शंकर राय "मुन्ना" ने कहा कि माननीय उच्च न्यायालय से जिलाप्रशासन को नोटिस आने के बाद विकास प्राधिकरण अधिकारी भारी फोर्स के साथ आज दमनात्मक कार्यवाई किये है जिसमे सैकडों किसान घायल हुये है, दर्जनों किसानों के घरों का दरवाजा तोडकर महिलाओं एवं अवोध लडकियों एवं लड़कों को पुलिस बर्बर तरीके से लाठी से पीटी है , हम लोग वैधानिक वार्ता करने गये तो हम लोगों की भी कोई बात नही सुनी गई और लाठीचार्ज कर दिया गया जो अंग्रेजी हुकुमत को याद दिला दिया ।मोहनसराय किसान संघर्ष के संरक्षक छेदी पटेल, उदय पटेल, मेवा पटेल, हृदय नारायण उपाध्याय, दिनेश तिवारी, प्रेम शाह, लालमीना देवी, बिटना देवी, चमेली देवी, भगवती देवी, राजपति देवी, लक्ष्मीना, कलावती देवी, शीला देवी , बेईला, मनभावती , देवपत्ती, मुनरा देवी, सुखदेई देवी, लाल बहादुर पटेल, जय नाथ मिश्रा , विजय गुप्ता, रमेश पटेल, राम राज पटेल, मनोज पटेल , शिव यादव, फूलचन्द गुप्ता, रामधनी मास्टर , अलगू शाह, रामखेलावन, अलगू गुप्ता, पाचू गुप्ता, छोटे लाल पटेल, बबलू पटेल, बाले पटेल, पनारू पटेल, महेन्द्र पटेल, बलई पटेल, कमला पटेल, प्रेम पटेल, शोभनाथ पटेल , लाल चन्द पटेल, होरी लाल पटेल, सुखु पटेल,हनुमान पटेल, नारायण राम , गोलू पटेल, राजेन्द्र पटेल, माता पटेल,अजीत सिंह पटेल, संदीप पटेल , डा. मन्ना पटेल, राधेश्याम उपाध्याय , सुक्खन यादव इत्यादि किसान घायल है साथ ही किसान नेता विनय शंकर राय "मुन्ना" , सपा जिलाध्यक्ष सुजीत यादव, अपना दल के प्रदेश महासचिव गगन प्रकाश यादव सहित दर्जनों राजनीतिक लोग भी घायल हुये है।
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