रिपोर्ट -त्रिपुरारी यादव
वाराणसी रोहनिया। अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस के अवसर पर सोमवार को बिरभानपुर गाँव के दिहाड़ी मजदूरों ने सरकार से रोजगार और मजदूरी बढ़ाने की मांग को लेकर प्रदर्शन करते हुए रैली निकाली। जिसके दौरान मजदूरों ने कहा कि मंहगाई व बेरोजगारी की समस्या से हम मजदूरों की कमर टूट गयी है। मुख्य अतिथि राजकीय विद्यालय के टीचर वंशराज राय ने कहा कि गाँवों में लाखों मजदूर बेरोजगार घर पर बैठे है। महँगाई से निर्माण के 80 फीसद कार्य बंद चल रहे हैं। जिससे उन्हें दैनिक मजदूरी भी नहीं मिल रही है। दैनिक उपभोग की वस्तुओं के दाम आसमान छू रहे हैं। मजदूरी न मिलने से परिवार को एक वक्त का खाना भी नसीब नहीं हो रहा है। दिहाड़ी मजदूर संयोजक रामबचन ने कहा कि रोजाना हजारों मजदूर गांव से किराया भाड़ा लगाकर शहर के विभिन्न मजदूर मण्डियों में जाते हैं दिनभर खड़े रहने के बाद शाम को बिना काम के ही वापस घर लौट आते हैं। मजदूरों ने सरकार से मांग किया है कि उन्हें गाँव में स्थाई रोजगार दिलाया जाए। सभी दिहाड़ी मजदूरों के राशन कार्ड बनाए जाएं। ताकि वह बच्चों का पेट भर सकें। साथ ही न्यूनतम दैनिक मजदूरी 600 रुपए तय हो। 55 वर्ष से ऊपर के मजदूर को 3000 रुपये प्रतिमाह वृद्धावस्था पेंशन और महिला मजदूरों को मातृत्व अवकाश सुनिश्चित किया जाय तथा मजदूरों को निःशुल्क स्वास्थ्य बीमा और सभी देहाड़ी मजदूरों का श्रम विभाग में अनिवार्य रूप से पंजीकरण सुनिश्चित किया जाय।कार्यक्रम में मुख्य रूप से शिवकुमार,दिलीप, कुलदीप,कमलेश, विशाल, लालमन, छोटेलाल,पिंटू राजभर,रजत, जगदीश, सूरज,विकाश,माला,आशा,अनिता,सरोज,लीला ,बबीता,निशा,कुसुम,वन्दना,ओमप्रकाश,संतोष,आशा,आदि लोग शामिल रहे। रैली का नेतृत्व मजदूर संगठन के साथियों ने किया।संचालन दिहाड़ी मजदूर के साथी शिवकुमार ने किया ।
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