रिपोर्ट-त्रिपुरारी यादव
वाराणसी रोहनिया -मां भगवती माता मंदिर अखरी मे चल रहे 12 दिवसीय श्री रामकथा प्रेम यज्ञ के विश्राम दिवस पर प्रयागराज से पधारे रामानुजाचार्य श्री हरी प्रपन्नाचार्य महाराज जी ने बताया कि घर में नौ इंच के ऊपर किसी भी भगवान की प्रतिमा नहीं रहनी चाहिए I इससे बडी प्रतिमा का पूजन घर मे नही करना चाहिए प्रभु की कृपा अगर प्राप्त करना है तो हमे संत्संग करना होगा और धर्म ग्रंथो मे बताये गये अनुसार जीवन जीना होगा। हमारे धर्म ग्रंथों मे समस्त समस्याओं का समाधान है ।आज धर्म से बिमुख होने के कारण समाज मे तमाम तरह की विकृतिया पैदा हो गयी। आज मानव काम पिपासा हो गया है वासना मे पडकर वह तमाम अनैतिक कार्यों को कर रहा है जिसको सुनकर घृणा हो रहा है कि मनुष्य का चरित्र इतना गिर गया है, इन सभी नैतिक पतन का कारण है कि हम अपने बच्चो को संस्कार विहीन बना दे रहे है, उनके निमार्ण मे हमारा बहुत बडा योगदान है उनको संत्संग मे ले जाये धर्मग्रन्थ का अध्ययन कराये दावे के साथ कहता हूं कि सत्संग करनेवाला का कभी नैतिक पतन नही होता। वह चरित्र वान होगा आज आतंकवाद से पूरी दुनिया कराह रही है एक दूसरे के खून के प्यासे हो गये है मानव विनाश की ओर बढ रहा है इन सभी को अगर रोकना है तो हमे धर्मग्रंथो कि शरण मे जाना होगा।कथा में काशी के श्री पंच आवाह्न अखाडा के राष्ट्रीय कोषाअध्यक्ष अवधूत गिरी जी महाराज भी पधारे लोंगो ने महराज जी से आशीर्वाद लिया कथा के बाद विशाल भंडारे का आयोजन किया गया जिसमे हजारो भक्तों ने प्रसाद ग्रहण किया समिति के अध्यक्ष दिनेश तिवारी ने श्रोताओं का आभार व्यक्त किया ।
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