चन्दौली चकिया विभागों में पारदर्शिता लाने के लिए बनाये गये कानून सूचना का अधिकार 2005 का कहीं-कहीं अधिकारी माखौल उड़ाने से नहीं चूक रहे हैं।ऐसा ही एक प्रकरण चकिया नगर पंचायत कार्यालय में चल रहा है।जहां सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत नगर के शमशेरनगर निवासी विनोद सिंह ने नगर पंचायत कार्यालय से 18 जुलाई 2022 को 6 बिन्दुओं पर कुछ जानकारी मांगी थी।परन्तु निर्धारित अवधि बीत जाने के बाद भी नगर पंचायत के द्वारा उन्हें मांगे गए प्रश्नों का जवाब नहीं दिया गया है। जिसके सम्बन्ध में उन्होंने दोबारा 22 अगस्त 2022 को नगर पंचायत
पहला पत्र
से एक रजिस्टर्ड डाक के माध्यम से मांगे गए प्रश्नों के संबंध में एक पत्र भेंजा,परन्तु उसका भी उत्तर नहीं दिया गया।जिसके बाद विनोद सिंह ने 5 सितम्बर 2022 को मजबूर सूचना प्राप्त करने के लिए अपीलीय अधिकारी के यहां रजिस्टर्ड डाक से पत्र भेंज कर सूचना दिलवाने की मांग की है।नगर पंचायत से उनके द्वारा मांगी गई जानकारी इस प्रकार थी- क्रमशः 1- 1 अप्रैल सन् 2017 से 30 जून 2022 तक शासन उत्तर प्रदेश लखनऊ तथा किसी अन्य से किन-किन कार्यों के लिए कितना- कितना धन आया ? 2- उक्त समयावधि में कौन-कौन से कार्य कराए गए तथा कराए गए कार्यों पर अलग-अलग कितना धन खर्च हुआ? 3- सन् 2021 से जून 2022 तक
दूसरा पत्र
नगर पंचायत चकिया में बिजली, पंखा, लाइट संबंधी कुल कितना धन खर्च हुआ तथा खरीदा गया सामान कहां-कहां लगाया गया ? 4- बिजली संबंधित सामानों की खरीदारी के समय किस-किस सामानों की कितने कितने दिनों की गारंटी थी? क्या गारंटी के दौरान कोई सामान खराब हुआ था यदि खराब हुआ था तो उसके वापसी की गारंटी का लाभ मिला या नहीं? यदि गारंटी का लाभ मिला तो किन-किन सामानों का लाभ मिला?5- नगर पंचायत चकिया में सन 2017 से 30
तीसरा पत्रजून 2022 तक कुल कितने कर्मचारी स्थाई व अस्थाई हैं?सबका पदनाम,नाम व ब्योरा नियुक्ति तिथि उपलब्ध कराई जाए।6- श्री काली जी के प्रांगण में कितना धन खर्च किया गया और किस-किस मद में विवरण सहित उपलब्ध कराया जाए।पत्र में उन्होंने सभी मांगी गई सूचनाओं का उत्तर लिखित रूप से उपलब्ध कराने की मांग की थी।
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