फाइलेरिया मरीजों की पहचान को सात सितम्बर से चलेगा नाइट ब्लड सर्वे अभियान - जनसच न्यूज़

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Saturday, September 3, 2022

फाइलेरिया मरीजों की पहचान को सात सितम्बर से चलेगा नाइट ब्लड सर्वे अभियान

अभियान से जुड़े लोगों को सीएमओ कार्यालय में दिया गया एक दिवसीय प्रशिक्षण 

चंदौली फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत जनपद में सात से 12 सितम्बर तक नाइट ब्लड सर्वे का अभियान चलाया जाएगा | जिले के सभी प्राथमिक तथा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के माध्यम से यह सर्वे  संचालित होगा | अभियान के तहत फाइलेरिया मरीजों की पहचान रात्रि साढ़े आठ से 12 बजे तक रक्त की जांच करके की जायेगी। यह जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ वाई के राय ने दी |  इस अभियान के सफल क्रियान्वयन के लिए शुक्रवार को मुख्य चिकित्सा कार्यालय सभागार में एक दिवसीय प्रशिक्षण स्वास्थ्यकर्मियों को दिया गया। प्रशिक्षण में हर ब्लॉक से एक-एक लैब टेक्नीशियन और सहायक ने  भाग लिया।जिला सहायक मलेरिया अधिकारी राजीव सिंह ने बताया कि राज्य स्तरीय निदेशक प्रशिक्षक भूपेंद्र सिंह एवं हेमंत नेगी ने स्वास्थ्य कर्मियों को प्रशिक्षण दिया। इसमें रक्त पट्टिका बनाने के पहले की तैयारी, रक्त पट्टिका बनाने की विधि व रक्त पट्टिका के जांच कर उसके रिपोर्ट बनाने के बारे में विस्तार से बताया गया। फाइलेरिया ग्रसित  मरीजों की खोज के लिये रात्रि के समय व्यक्ति के खून के नमूने एकत्रित किए जाएंगे, क्योंकि रात में ही फाइलेरिया का संक्रमण सक्रिय होता है। लोगों से अपील की गयी है कि स्वास्थ्य विभाग के इस कार्य के लिए टीम का उचित सहयोग करें जिससे समुदाय को स्वस्थ रखा जा सके | खून की जांच में फाइलेरिया पॉजिटिव पाए जाने पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा निःशुल्क दवा और इलाज की सुविधा प्रदान की जायेगी।जिला सहायक मलेरिया अधिकारी ने बताया कि इस सर्वे के लिए नौ टीम बनायी गई हैं । प्रत्येक ब्लॉक से 600 ब्लड स्लाइड तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है | इसके तहत जिले से 5500 स्लाइड तैयार किए जाएगे | उन्होंने बताया कि जिले में वर्ष 2021 में 1352 मरीज फाइलेरिया रोगी पंजीकृत हुए थे | इन रोगियों का सम्पूर्ण इलाज व दवा स्वास्थ्य विभाग के द्वारा निःशुल्क मुहैया करायी गयी फाइलेरिया के मरीजों को दवा प्रत्येक छह माह मे एक बार लगातार 12 दिन तक खिलाई जाती है। वहीं साल में एक बार फाइलेरिया रोकथाम के लिए मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एमडीए) अभियान में लक्षित जनसंख्या को दवा खिलाई जाती है।

क्या है फाइलेरिया-

फाइलेरिया एक गंभीर बीमारी है, जो हाथीपांव नाम से भी प्रचलित है | यह रोग क्यूलेक्स मच्छर के काटने से फैलता है। समय से दवा लेकर इस रोग से छुटकारा पाया जा सकता है।

फाइलेरिया के लक्षण-

सामान्यतः इसके कोई लक्षण स्पष्ट रूप से दिखाई नहीं देते हैं। बुखार, बदन में खुजली और पुरुषों के जननांग और उसके आस-पास दर्द और सूजन की समस्या दिखाई देती है। पैरों और हाथों में सूजन, हाथीपांव और हाइड्रोसिल (अंडकोषों का सूजन), महिलाओं के स्तन में सूजन के रूप में भी यह समस्या सामने आती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार फाइलेरिया पूरी दुनिया में दीर्घकालिक दिव्यांगता  के प्रमुख कारणों में से एक है।प्रशिक्षण के दौरान सभी पीएचसी व सीएचसी के लैब टेक्नीशियन , वरिष्ठ लैब टेक्नीशियन चन्द्र गुप्ता सिंह, लैब टेक्नीशियन, निरंजन पांडेय, मलेरिया निरीक्षक राम ज्ञान यादव, दीप्ति शर्मा, सौम्या पांडेय, मंटू प्रसाद, अनिल कुमार उपस्थित रहें ।



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