भारत की संस्कृति, सभ्यता और विकास में पर्यावरण की भूमिका: लक्ष्मण आचार्य
चन्दौली चकिया सामाजिक संस्था आदर्श जन चेतना समिति और राष्ट्र सृजन अभियान की ओर से ब्लाॅक सभागार में आयोजित ‘आधुनिक भारत के निर्माण में प्रकृति संरक्षण की भूमिका’ विषयक एकदिवसीय संगोष्ठी को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित करते हुए विधान परिषद के उपनेता व भाजपा एमएलसी लक्ष्मण आचार्य ने कहा कि वर्तमान में पर्यावरण संरक्षण एक ऐसा मुद्दा है, जिसपर बातें तो खुब होती है, लेकिन पर्यावरण संरक्षण के प्रति हम अपनी जिम्मेदारियों को अबतक नहीं समझ पाये हैं। भारत की संस्कृति, सभ्यता और संस्कारों के विकास में पर्यावरण ने काफी अहम भूमिका निभाया है।उन्होंने कहा कि हमारे प्रधानमंत्री लगातार प्रकृति और पर्यावरण के संरक्षण को लेकर सजग रहे हैं। उन्होंने न सिर्फ इस संबंध में लोगों को जागरूक किया है, बल्कि आगे बढ़कर उसका नेतृत्व भी किया। आने वाले भविष्य के निर्माण के लिए हमें पर्यावरण के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करना होगा। विशिष्ट अतिथि विधायक कैलाश खरवार ने कहा कि पर्यावरण केवल बात करने की चीज नहीं है, बल्कि आत्मसात करने की चीज है। अगर हम इसे आत्मसात नहीं करेंगे तो किसी भी हाल में अपनी जिम्मेदारियों को पूरा नहीं कर सकेंगे।एसडीएम ज्वाला प्रसाद यादव ने कार्यक्रम की सराहना की और कहा कि जिस तेजी से प्रकृति का दोहन होता जा रहा है, उससे प्राकृतिक संरचना बिगड़ती जा रही है। ऐसे समय में अगर हम अपनी जिम्मेदारियों को नहीं समझेंगे तो किसी भी हाल में आधुनिक भारत का निर्माण नहीं हो सकता। इनके अलावा विश्वबंधु डाॅ. परशुराम सिंह, डीआई मदन यादव, डाॅ. गीता शुक्ला, उमाशंकर सिंह एड., प्रो. आनंद पाण्डेय, क्षतिश द्विवेदी, डाॅ. राजेश सिंह, धर्मात्मा पाल ने भी अपने विचार व्यक्त किये। इस दौरान शीतला प्रसाद राय, अनिल द्विवेदी, धर्मवीर सिंह, आफताब आलम, सुंधाशु किशोर जायसवाल, चंदा देवी, पीएन सिंह, नागाबाबा, देशमुख आचार्य, काशीनाथ सिंह, बृजेश केशरी, रामयश चौबे, मुकेश कुमार सहित अन्य रहे। अध्यक्षता शंभूनाथ सिंह एड., संचालन मनोज गुप्ता और धन्यवाद एड. केसी श्रीवास्तव ने किया।
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