अटेवा चिरईगांव ब्लॉक की संयोजक/अध्यक्ष बनी सारिका दूबे
रिपोर्ट-त्रिपुरारी यादव
वाराणसी। एनपीएस और निजीकरण शिक्षक कर्मचारियों के लिए एक अभिशाप है आज अटेवा पुरानी पेंशन का पर्याय बन चुका है जिसका नतीजा है कि राजस्थान छत्तीसगढ़ और झारखंड जैसे राज्यों में पुरानी पेंशन बहाल हो चुकी है। जब तक पूरे देश में पुरानी पेंशन बहाल नहीं हो जाती और निजीकरण समाप्त नहीं हो जाती,तब तक अटेवा का संघर्ष जारी रहेगा।उक्त बातें अटेवा पेंशन बचाओ मंच की ओर से बृहस्पतिवार को ब्लॉक संसाधन केंद्र चिरईगांव के प्रांगण में आयोजित सदस्यता अभियान कार्यक्रम में अटेवा के प्रदेश उपाध्यक्ष सत्येंद्र कुमार राय ने कही।अटेवा महिला मोर्चा की प्रदेश संयोजक रंजना सिंह ने कहा कि एनपीएस और निजी करण डूबता हुआ जहाज है, संगठन को मजबूत करने के लिए अपना तन मन धन से सहयग करते रहेंगे,जिला सहसंयोजक प्रमोद कुमार पटेल ने कहा कि एनपीएस और निजीकरण के खिलाफ बंधु जी के साथ इस लड़ाई को विजय होने तक लड़ा जाएगा।इस अवसर पर सारिका दुबे को चिरईगांव ब्लाक की संयोजक/अध्यक्ष नियुक्त किया गया। मैजूद सभी लोगों ने नव नियुक्त महिला अध्यक्ष को मुबारकबाद और बधाई दी,लोगों ने खुशी खुशी अटेवा की सदस्यता ग्रहण की।कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला संयोजक चंद्र प्रकाश गुप्त ने एवं संचालन सह संयोजक प्रमोद कुमार पटेल ने किया। इस अवसर पर ज़िला महामंत्री बी एन यादव, ज़िला सह संयोजक डॉक्टर एहतेशामुल हक,जिला संगठन मंत्री अजय कुमार यादव,ब्लॉक मंत्री संदीप यादव, ज़िला कोषाध्यक्ष गुलाब चंद्र कुशवाहा,कमलेश कुमार,महिला विंग की अध्यक्ष सारिका दूबे,सादिया तबस्सुम,शबीना परवीन के साथ ही सैकड़ों की संख्या में शिक्षकों ने भाग लिया।
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