"बाल श्रम को समाप्त करने के लिए सार्वभौमिक सामाजिक संरक्षण" की आवश्यकता - जनसच न्यूज़

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Sunday, June 12, 2022

"बाल श्रम को समाप्त करने के लिए सार्वभौमिक सामाजिक संरक्षण" की आवश्यकता

                   

चंदौली चकिया आज विश्व बाल श्रम निषेध दिवस के अवसर पर संस्था मानव संसाधन एवं महिला विकास संस्थान लहरतारा वाराणसी के तत्वधान में जनपद चंदौली के करवदिया, कटरिया,धनरिया,पीतपुर और नौडीहा गाँव के बनवासी समुदाय के बच्चों को संस्था के कार्यकर्ता मुकेश कुमार के द्वारा बताया गया कि बाल श्रम समाज के लिए एक अभिशाप है क्योंकि विश्व के प्रत्येक10 बच्चे में से 1बच्चा बाल श्रमिक होता है।जिसको कम करने के लिये विश्व बाल श्रम निषेध दिवस सर्वप्रथम इंटरनेशनल लेबर ऑर्गेनाइजेशन के प्रयास से 2002 में मनाया गया। जिसका तात्पर्य यह था कि प्रत्येक समुदाय के बच्चों को बाल मजदूरी के दुष्परिणामों से बचाया जा सके और उनके गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा, स्वास्थ्य और सुरक्षा का विशेष ध्यान रखा जाये जिससे कि उनका सर्वांगीण विकास हो सके। ILO के अनुसार12 जून को बाल श्रम मुक्त समाज बनाने के लिए यह पूरे विश्व के 100 से अधिक देशों में मनाया जाता है।उसी प्रकार से इस बार 12 जून 2022 में बाल श्रम में कमी लाने के लिये इस बार का थीम है कि " बाल श्रम को समाप्त करने के लिए सार्वभौमिक सामाजिक संरक्षण" है । जिससे कि प्रत्येक जगह प्रत्येक जन की सहभागिता हो और गांव स्तर पर भी बच्चों की सुरक्षा एवं संरक्षण हो सके । उपरोक्त निम्न गांवों में संस्था के  कार्यकर्ताओं के द्वारा जन जागरूकता के लिए पोस्टर , बैनर,तख्ती लगाकर रैली और पद यात्रा निकाली गई और दीवार लेखन भी किया गया।जिससे कि समाज के वंचित बच्चे भी मुख्य धारा शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा और खेल मनोरंजन से जुड़ सके । जिससे कि उनका शारीरिक स्वास्थ्य और मानसिक स्वास्थ्य का विकास हो सके।इस अवसर पर बाल पंचायत के पदाधिकारी वृजमोहन, रामाशीष, खुश्बू भोनू रजनीकांत और संस्था के कार्यकर्ता शिवम , विनीत,शाक्या, सावित्री,सुनील अरविंद,मीरा, गुलाब का इस कार्यक्रम को सफल बनाने में अहम योगदान रहा।



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