रिपोर्ट-त्रिपुरारी यादव
वाराणसी-धर्म एवं ज्ञान के वैदिक वैभव से सम्पूर्ण विश्व को आच्छादित एवं आकर्षित करने वाली काशी में बुधवार को संस्कृत एवं संस्कृति का पाठ पढ़ रहे बटुकों ने गंगा पार योग अभ्यास किया। 8 वें अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस पर एवं 75 वें आजादी का अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में सम्पूर्ण भारत में विभिन्न प्रकल्पों का आगाज चल रहा है।इसी क्रम में श्री स्वामी नारायणानन्दतीर्थ वेद विद्यालय की ओर से 1 जून योग माह विशेष में गंगा की कलकलवन्तिनि निनाद के मध्य पूरी तन्मयता से विद्यार्थियों ने योग अभ्यास करके सम्पूर्ण विश्व को योग एवं अध्यात्म से जोड़ने का अपूर्व कार्य कर रहे हैं।150 कि संख्या में वैदिक वाङ्मय में पल रहे बच्चों ने अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस
प्रोटोकॉल के अभ्यास के साथ समन्त्र सूर्य नमस्कार एवं अष्टांग विन्यासादि का तारतम्यता के साथ सामुहिक अभ्यास करके काशी के योग एवं अध्यात्म के ऐश्वर्य से परिचय कराया। बच्चों को योग के साथ ही गंगा की बालुकाओं में कबड्डी, दौड़ एवं जल में तैरने की भी कला सिखाई गई। लगभग तीन घण्टे विप्रो ने गंगा उस पार का सम्पूर्ण आनन्द लिया। अनन्तर नौका के माध्यम से काशी के उस प्राचीनता से रुबरु करा रहे घाटों का भी परिभ्रमण कराया गया। मन्त्रों से भगवान् विश्वनाथ की स्तुति करते हुए घाटों के वैभव का भी ज्ञान प्राप्त किया।श्री काशी धर्मपीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य श्री स्वामी नारायणानन्दतीर्थ जी महाराज की अहैतुकी कृपा से यह कार्यक्रम निर्बाध्य सम्पन्न हुआ।श्री काशी धर्मपीठ के उत्तराधिकारी परम् तपस्वी पूज्य लखन स्वरूप ब्रह्मचारी जी महाराज के सुखद सान्निध्य में बच्चों को स्वयं के प्रति जागरूक करने हेतु विभिन्न प्रकल्पों का समायोजन विद्यालय प्रांगण में होता रहा है। महाराज श्री की इच्छा है कि वैदिक ज्ञान प्राप्त करते हुए काशी के वैभव से भी बच्चों को परिचित कराया जाए। काशी धर्मपीठ के प्रबन्धक डॉ.वरुणेश चन्द्र दीक्षित आचार्य के नेतृत्व में विद्यालय के अध्यापक आशुतोष पाण्डेय एवं शंकर गुरु के देखरेख में बच्चों के मनोल्लास हेतु यह आयोजन हुआ। आसनेन रुजो हन्ति योगसंस्थानम् के संस्थापक एवं विद्यालय के योग प्रशिक्षक योगाचार्य रितेश दुबे जी के आचार्यत्व में सुव्यवस्थित ढंग से वैदिक बटुकों ने मंत्रोच्चारण सहित अन्यान्य योग विधाओं का सहर्ष अभ्यास किया। कार्यक्रम में उपस्थित सृजन सामाजिक विकास न्यास के अध्यक्ष अनिल कुमार सिंह ने समायोजित इस दिव्य योग कार्यक्रम की अत्यंत सराहना की तथा श्री स्वामी नारायणानन्दतीर्थ वेद विद्यालय के सभी पदाधिकारियों को साधुवाद दिया।साथ ही योगाचार्य रितेश दुबे जी के इस तरह के अद्वितीय सामाजिक सेवा को अनुकरणीय बताया। उन्होंने प्रत्येक शिक्षण संस्थान, सामाजिक संस्थाएं एवं सामान्य नागरिकों से निवेदन किया कि इस दिव्य योग विधा को हम सभी ज्यादा से ज्यादा मात्रा में अभिव्याप्त करते हुए स्वयं के जीवन में आचरित करें। योग ही हमारे श्रेय का पथ प्रशस्त कर सकता है।
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