रिपोर्ट-त्रिपुरारी यादव
वाराणसी रोहनिया-भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान वाराणसी सब्जी में शोध करने वाला देश का सर्वोच्च संस्थान है संस्थान द्वारा अभी तक 125 से ज्यादा प्रजातियां एवं संकर किस्मों का विकास विभिन्न सब्जियों में किया जा चुका है । संस्थान द्वारा विकसित प्रजातियों के बीज की उपलब्धता किसानों को आसानी से हो सके इसका प्रयास संस्थान द्वारा हमेशा किया जाता है। संस्थान द्वारा विकसित किस्मों का बीज पूरे देश में किसानों को उपलब्ध कराना एक चुनौती है। इस चुनौती को पूरा करने के लिए भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान, वाराणसी एवं राष्ट्रीय बीज निगम लिमिटेड नई दिल्ली के बीच में एक अनुबन्ध पर नास कॉम्प्लेक्स नई दिल्ली में संस्थान के निदेशक डॉ टी.के. बेहेरा एवं राष्ट्रीय बीज निगम की सहायक कम्पनी सचिव आयुषी ने हस्ताक्षर किए। इस अनुबन्ध के तहत राष्ट्रीय बीज निगम लिमिटेड द्वारा भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान द्वारा विकसित सब्जी के किस्मों के बीज का उत्पादन किया जाएगा जिसके लिए अभिजनक बीज राष्ट्रीय बीज निगम को संस्थान द्वारा उपलब्ध कराया जाएगा। जिससे सब्जी की भिभिन्न किस्मों का गुणवक्ता युक्त बीज उचित मूल्य पर उपलब्ध हो सके । इस अवसर पर संस्थान के निदेशक डॉ टी.के. बेहेरा ने कहा की गुणवक्ता युक्त बीज की उपलब्धता होने से उत्पादन में 10-20% तक बढ़ोतरी होगी जिससे किसानों की कुल आमदनी में इजाफा होगा।इस अवसर पर संस्थान के विभागाध्यक्ष (फसल सुरक्षा) डॉ के. के. पाण्डेय, एवं राष्ट्रीय बीज निगम के जी. वी. मोहन, डॉ पंकज कुमार त्यागी, डॉ के. सी. शर्मा, डॉ विजय शंकर पाण्डेय, बबिता, दीप्ति आदि उपस्थित रहे।
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