रिपोर्ट-त्रिपुरारी यादव
वाराणसी- 95 बटालियन केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल पहाड़िया वाराणसी द्वारा नव वर्ष के शुभ अवसर पर कवि सम्मेलन कार्यक्रम कराया गया जिसमें बनारस के सुप्रसिद्ध कवि भाग लिये जो अपना देश विदेश में अपनी कविता का अमिट छाप छोड़ रखे हैं इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि- अनिल कुमार वृक्ष कमांडेंट 95 बटालियन ने सभी को नव वर्ष की बधाई देते हुए शुरुआत की और आगे उन्होंने कहा जहां न पहुंचे रवि वहां पहुंचे कवि,रवि और कवि कहते हैं कि सूर्य की किरणें जहाँ नहीं पहुँच पातीं वहाँ कवि की कल्पना पहुँच जाती है। वह अपनी कल्पना शक्ति का प्रयोग करके ऐसे स्थानों पर पहुँच जाता है जहाँ मनुष्य का पहुँचना असंभव है। कल्पना व्यक्ति की सोचने की शक्ति का विकास करती है इसलिए व्यक्ति को सदैव कल्पनाशील रहना चाहिए ।
इसी क्रम में कार्यक्रम की प्रमुख कविताएं एवं कवि,
1-सरफ़रोशी हो मेरी हिन्दोस्तां की शान में,
एक तिरंगा मिल सके, मुझको कफ़न के वास्ते।।कवि - दमदार बनारसी,
2-नया वर्ष हर्ष हर्ष मंगलमय आपको,
देश भक्ति की लहर सवार चलती रहे।
दूल्हा चकाचक रहे, दूल्हन की सेज सजे,
साँड़ पाये चारा पानी, गाय चरती रहे।। कवि- साँड़ बनारसी,
3-रिश्ते नाते जब दफ़न हो गए,
जनाजे खातिर कंधे भी कम हो गए ,
तंगदस्ती ऐसी श्मशान में लकड़ियां नहीं ,
फेसबुक के कमेंट ही कफन हो गए ।
इस दौर का भी शायद जिम्मेदार हूं मैं ,
कोई और नहीं कलमकार हूं मैं।कवि - डॉ0 प्रशान्त सिंह,
4-किसी मंदिर की रक्षा हो
या मस्जिद की हिफाजत हो
कोई आतंकी हमला हो
कहीं पर बाढ़ आई हो
कहीं ऊंचे पहाड़ों पर कोई पत्थर सरक जाए
कहीं ओले पड़े हों, जंगलों में आग लग जाए
किसी भी हाल में वर्दी से ही उम्मीद होती है,
वर्दी आखिर कब सोती है।। कवि- अम्बरीष ठाकुर,
5-वो माफी मांग तो रही थी उस गलती के लिए
जो उसके हिस्से की थी ही नहीं
फिर भी ना सुना उसके नम इसरार को
जो खुद में सिमटे हुए माँग रही थी तुमसे
खुद का स्वाभिमान
कवि-दान बहादुर सिंह,
कमांडेंट श्री अनिल कुमार वृक्ष ने सभी कवियों के सम्मान में अंग वस्त्र व मोमेंटो देकर कार्यक्रम का समापन किया।।
इस कार्यक्रम में प्रमुख रूप से 95 बटालियन के अधिकारी व जवानो ने साथ साथ उनके परिवारों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया।
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