अधिग्रहण के लिए शहरी क्षेत्रों में सर्किल रेट से दो गुना जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में सर्किल रेट से चार गुना मुआवजा दिया जाएगा
रिपोर्ट-त्रिपुरारी यादव
वाराणसी रोहनिया- राजातालाब तहसील सभागार में शुक्रवार को सार्वजनिक प्रस्तुतिकरण, पर्यावरण और सामाजिक परामर्श के लिए उप जिलाधिकारी मणिकंडन ए की अध्यक्षता में बैठक बुलायी गयी। मीटिंग में किसानों संग परियोजना के अधिकारियों ने मंथन किया।वाराणसी-दिल्ली हाई स्पीड कारिडोर वाराणसी सहित 21 जिलों से होकर गुजरेगा। परियोजना की पूरी लंबाई 810 किमी होगी। राजातालाब तहसील क्षेत्र के गांवों के प्लाटों को अधिग्रहित करने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है।दिल्ली- वाराणसी कारिडोर की जिम्मेदारी नेशनल हाई स्पीड रेल कार्पोरेशन लिमिटेड और ईजीआइएस-इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को मिली है। कार्पोरेशन के प्रोजेकट मैनेजर सत्यव्रत पांडेय और सब डिविजनल अफसर अनिल शर्मा ने बताया कि दिल्ली वाराणसी हाई स्पीड रेल कारिडोर को प्राथमिकता में शामिल किया गया है। इसके अलावा भी मुंबई- अहमदाबाद और लखनऊ से अयोध्या रेल कारिडोर पर काम चल रहा है। दिल्ली- वाराणसी कारिडोर की लंबाई 810 किमी, मुंबई से अहमदाबाद की लंबाई 945 किलोमीटर जबकि लखनऊ से अयोध्या लंबाई 135 किलोमीटर है। बताया कि दिल्ली, प्रयागराज और भदोही से बनारस के लिए तीन डिपो बनाए गए हैं। दिल्ली से वाराणसी की परियोजना में 23 जिलों के 46 तहसीलों और 794 गांव शामिल हैं। इसमें कुल भूमि 2,00,324. 22 हेक्टेयर अधिग्रहित किया जाएगा। बताया कि अधिग्रहण के लिए शहरी क्षेत्रों में सर्किल रेट से दो गुना जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में सर्किल रेट से चार गुना मुआवजा दिया जाएगा। इसके लिए भूमि स्वामी से सहमति ली जाएगी। सक्षम अधिकारियों द्वारा इसका मूल्यांकन किया जाएगा। बैठक में उपजिलाधिकारी राजातालाब मणिकंडन ए, तहसीलदार योगेश शरण शाह ,सर्वे कंपनी के रजनीश सिंह,अशोक, सत्यव्रत पांडेय, प्रोजेक्ट कंफर्टेशन रोशन कुमार, पवन दुबे, मुकेश कुमार दुबे आदि थे।
No comments:
Post a Comment