रिपोर्ट-विनोद कुमार यादव
नौगढ़ चन्दौली काशी वन्यजीव प्रभाग रामनगर के डीएफओ दिनेश सिंह के निर्देश पर वन विभाग के द्वारा चंद्रकांता वन विश्राम गृह पर रविवार को अंतरराष्ट्रीय वन दिवस मनाया गया। इस मौके पर वन्य जीव प्राणियों के विशेषज्ञों ने आम लोगों को जागरूक करने पर बल देते हुए कहा कि वन से पानी और पर्यावरण का संचार होता है। बीएचयू से आए सुधांशु ने कहां की विश्व भर में जंगलों की सफाई के कारण पेड़ पौधों और जीव-जंतुओं की दुर्लभ प्रजातियां तेजी से विलुप्त हो रही हैं। कोरोना वायरस का उदाहरण देते हुए कहा कि जहां ग्लोबल वार्मिंग की समस्या तेजी से बढ़ रही है, तो वही पर्यावरण और प्रकृति का संतुलन भी बिगड़ रहा है। नदियां, तालाब गर्मियों में सूख रहे हैं। बारिश में कई जगहों पर बाढ़ तो कभी बे मौसम बारिश तो कभी अकाल का भी सामना करना पड़ रहा है। एल आई यू के इंस्पेक्टर वेद ब्यास मिश्रा ने कहा कि जंगल है तो जीवन है। वन हमें ताजी हवा प्रदान करते हैं अगर इनके साथ कोई खिलवाड़ करता है तो प्रकृति भी हमारे साथ वैसा ही खिलवाड़ करेगी। कार्यक्रम का संचालन कर रहे वनरक्षक सचिन पांडे ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय वन दिवस का शुभारंभ 21 मार्च 1973 को किया गया था। अंतर्राष्ट्रीय वन दिवस पर्यावरण स्थिरता और खाद्य सुरक्षा में वनों के महत्व और महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए प्रतिवर्ष मनाया जाता है। वन इको सिस्टम है यहां का जो वातावरण है उससे जलवायु परिवर्तन होता है। घना वन होगा तो अच्छी बारिश भी होगी। वनरक्षक सतगुरु ने कहा कि वन है तो जन है, पौधों को लगा देने से कुछ नहीं होता है बचाना ही वन का महत्व है। इसलिए हम सबको मिलकर वन और वन्य प्राणियों को बचाने की आवश्यकता है जिससे प्रकृति भी खुशहाल रहें और हमें भी खुशहाल रहने दें।इस मौके पर वन क्षेत्राधिकारी मझगांई इमरान खाँन, वन दरोगा गुरुदेव सिंह यादव , ओंकार नाथ शुक्ला के अलावा वन रक्षकों में राजेंद्र प्रसाद,सत् गुरु वर्मा, प्रसिद्ध, चंद्रशेखर यादव, शिवपाल चौहान, गौरव पाठक, नवीन राय , सचिन पांडे ,कमलेश यादव,समेत नौगढ़ रेंज ,जयमोहनी रेंज ,मजगांई रेंज के सभी स्टाफ मौजूद थे।
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