रिपोर्ट-त्रिपुरारी यादव
वाराणसी शाहंशाहपुर स्थित भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान मे फार्ड फाउण्डेशन एवं बायोटेक किसान परियोजना के सौजन्य से शनिवार को किसान मेले का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि डॉ. ए. के. सिंह, उप-महानिदेशक कृषि प्रसार भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद,नई दिल्ली ने कहा कि महिलाओं को कृषि कार्य मे और अधिक योगदान देने के लिये गेहूँ-धान की खेती मे उद्यानिकी फसलों,जैविक खेती, मछली पालन एवं पशुपालन को अपनाना चाहिये।डॉ. सिंह ने कहा कि सरकार कृषि सुधारों से किसानों को अधिक आमदनी प्राप्त होगी। किसानों से कृषि विविधिकरण,प्रसंस्करण एवं मूल्य संवर्धन करने की बात बतायी।उन्होने अधिक पोषण वाली सब्जियों एवं कम लागत वाली तकनीकियों एवं किसान उत्पादन संगठन की महत्ता को बताई।विशिष्ट अतिथि प्रो.आर.एम.सिंह ने बताया कि फार्ड फाउण्डेशन किसानों को आत्मनिर्भर बनाने हेतु कई प्रकार के प्रशिक्षण कार्यक्रमों जैसे, मधुमक्खी पालन,मशरूम उत्पादन,बकरी पालन एवं वर्मी कम्पोस्टिंग का आयोजन किया है। डॉ.सिंह ने बताया कि किसानों एवं प्रशिक्षणार्थियों को गृह वाटिका हेतु सब्जी,गेहूँ, चना,मसूर,सब्जी मटर व धान के बीज का वितरण किया गया जिससे किसान बीज उत्पादन करने मे सफल हो सकें एवं कम लागत मे अधिक आय प्राप्त कर सकें। डॉ.पंजाब सिंह,अध्यक्ष,फार्ड फाउण्डेशन ने कहा कि प्रगतिशील किसान उत्पादन संगठनों की स्थापना से किसान बड़े स्तर पर कृषि उत्पादन कर अधिक आमदनी प्राप्त कर सकते हैं। किसानी मे गुणवत्तायुक्त बीजों का प्रयोग कर अधिक उपज प्राप्त करना चाहिये। फार्ड फाउण्डेशन के सहयोग से 300 किसानों को कृषि से सम्बंधित सभी क्षेत्रों मे प्रशिक्षण देने का कार्य किया है जिससे मुख्य प्रशिक्षक के रूप मे प्रशिक्षक बनाये जा सकें। किसानों को सब्जी निर्यात की दिशा मे बाजार से, एपिडा से एवं सरकार की नीतियों से जोड़कर अधिक लाभ दिलाने की दिशा मे कार्य किया जा रहा है। डॉ.बिजेन्द्र सिंह कुलपति आचार्य नरेन्द्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्व विद्यालय, अयोध्या उ.प्र.ने कहा कि किसानो को उत्पादन के साथ-साथ बाजार मे अधिक आय प्राप्त करने की दिशा मे कार्य करना होगा।कृषि का विविधिकरण कर सब्जियों की अगेती एवं गुणवत्तायुक्त बाजार की जरूरत के अनुरुप उत्पादन करना होगा जिससे किसान अधिक आमदनी प्राप्त कर सकें। डॉ. रमेश चन्द्र, निदेशक, कृषि विज्ञान संस्थान, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय ने किसानो को नये बीजों का प्रयोग कर उत्पादन बढ़ाने की बात बतायी। खेती मे नीतिगत एवं व्यापारिक परिवर्तन की बात कहते हुये कहा कि किसानों को विपणन एवं बाजार से जुड़ना होगा। फार्ड संस्थान किसानो को बाजार से जोड़ने का कार्य कर रहा है एवं किसानो को सब्जियों के प्रसंस्करण एवं मूल्य संवर्धन हेतु प्रशिक्षण भी देने का कार्य कर रहा है। सोनभद्र, चन्दौली, वाराणसी एवं गाजीपुर के प्रगतिशील किसानो को सम्मानित किया गया। इस कार्यक्रम मे 300 किसानो ने सहभागिता किया एवं 13 निजी एवं सरकारी संस्थानों द्वारा प्रदर्शनियों को भी लगाया गया। चन्द्रशेखर ने कहा कि किसानो को कृषि यंत्रीकरण पर ध्यान देते हुचे उन्नत किस्मों का प्रयोग करना चाहिये। कार्यक्रम में डॉ. राजनाथ प्रसाद, कार्यकारी निदेशक, भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान, वाराणसी ने संस्थान की गतिविधियों एवं सब्जी फसलों की उन्नत किस्मों से किसानो को अवगत कराया। प्रो. शिवराम सिंह ने धन्यवाद ज्ञापन एवं डॉ. नीरज सिंह ने कार्यक्रम का संचालन किया।
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