चन्दौली नौगढ़ ग्राम्या संस्थान के आयोजन में सुरक्षित गर्भसमापन की जानकारी व सुविधाओं की अनुपलब्धता को लेकर क्षेत्र के भगेलपुर गांव में किशोरियों के साथ बैठक की गई। जिसमें संस्थान की रिंकू ने बताया कि नवगढ़ विकास क्षेत्र के अमदहाँ, गोलाबाद, डुमरिया, रिठिया, लालतापुर, बसौली, तेंदुआ सहित 10 गांव में किशोरियों के साथ गर्भ समापन विषय पर जागरूकता का कार्यक्रम चलाया जा रहा है। इन गांवो में हेल्प डेस्क बनाया गया है जहां पर किशोरियों को गर्भ निरोधक साधन एवं सेनेटरी नैपकिन का वितरण आवश्यकतानुसार किया जाता है एवं गर्भ समापन विषय पर जानकारी दी जाती है। कहा कि हर साल देश मे होने वाले 5.6 करोड़ गर्भसमापन में 2.5 करोड़ असुरक्षित होते है | इनमें 22000 लड़कियों और महिलाओं की मृत्यु होती है- जो की दुनियाभर में होनी वाली मातृत्व मृत्यु का 8 % है और अन्य 70 लाख महिलाओं को गंभीर या स्थायी नुकसान होता है | इनमें से बहुत मृत्यु और नुकसान ऐसे है जो रोके जा सकते है और उन देशों /राज्यों में होते है जहां के क़ानून गर्भसमापन पे अनेक तरह के प्रतिबन्ध लगाते है | शोध बताते है कि गर्भसमापन पे प्रतिबन्ध लगाने से गर्भसमापन कम नहीं होते है, बल्कि असुरक्षित गर्भसमापन को बढ़ावा देते है। खासकर के गरीब और वंचित समुदायों की लड़कियों और महिलाओं के लिए (ग्लोबल डिक्लेरेशन ऑन एबॉर्शन , नैरोबी सबमिट ऑन ICPD25)लॉकडाउन के कारण गर्भनिरोधन हासिल करने और उसके प्रयोग में काफ़ी हद तक कमी देखी गई। कोविड के चलते सरकार द्वारा हेल्थ सेंटरों पर नसबंदी और आईयूसीडी की सेवाएँ भी रोकी गई ! बिना डॉक्टर के पर्चे पर मेडिकल स्टोर से मिलने वाली गर्भ निरोधक दवाई, कंडोम, आदि को प्राप्त करने में लोगों को काफ़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। लॉकडाउन के दौरान फाउंडेशन फॉर रेप्रोडिकटिव हेल्थ ऑफ़ इंडिया के अध्यन के अनुसार इन गर्भनिरोधन सेवाओं के न हासिल करने की वजह से भारत में करीब 2.38 लाख अतिरिक्त अनचाहे गर्भधारण, 1.45 लाख अतिरिक्त गर्भपात जिसमे 834,042 असुरक्षित गर्भपात और 1,743 अतिरिक्त मातृ मृत्यु होने की संभावना है। ज्यादा समय तक ऐसा रहा तो इसका प्रभाव और भी भयानक होगा। असुरक्षित गर्भ समापन को सुरक्षित बनाने के लिए ज़रूरी है कि, सेवाएं उपलब्ध कराने वाले लोगों को प्रशिक्षण दिया जाए, इस अवसर पर सीमा,रेखा, कुसुम,पार्वती,मनीषा,शशिकला आदि मौजूद रहे।
Post Top Ad
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
Post Bottom Ad
About us
"जन सच"सम्पादक हिन्दी समाचार पत्र के दैनिक,साप्ताहिक एवं पत्रिका तथा सोशल मीडिया के कई प्लेटफार्मों पर काम कर चुके हैं।पत्रकारिता के क्षेत्र में 22 वर्षों के एक लम्बे अनुभव के बाद "जन सच"पोर्टल को इस विश्वास के साथ चला रहे हैं कि सच्ची और सही खबरें पाठकों को सुलभता के साथ उपलब्ध हो सके।
हम से सम्पर्क-
jansach20@gmail.com
No comments:
Post a Comment