चन्दौली नौगढ़ ग्राम्या संस्थान एवं ऑक्सफैम के द्वारा मरीजों के अधिकार को लेकर जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। अभियान के अंतर्गत आज गुरुवार कोअमदहां गोलाबाद गांव में गोष्ठी की गई,जिसमें ग्राम्या संस्थान की कोआर्डिनेटर नीतू सिंह ने बताया कि निजी अस्पतालों द्वारा अत्यधिक मुनाफाखोरी, नैतिक उल्लंघनों और मरीजों के शोषण के मामले भारत में बड़े पैमाने पर होते रहे हैं। कोविड-19 महामारी ने निजी अस्पतालों और उनकी शोषणकारी प्रवृत्ति को बेनकाब कर दिया है। इस दिशा में एक जरूरी कदम है मरीजों के अधिकारों के चार्टर को अपनाया जाना और उसे लागू किया जाना। इसे राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग द्वारा स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की बिनाह पर तैयार किया गया था स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने 30 अगस्त 2018 को मरीजों के 13 अधिकारों वाले इस चार्टर को जारी किया और 2 जून 2019 को इसे अपनाने के लिए राज्य सरकारों को पत्र लिखा इसके जरिए यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि मरीजों और चिकित्सकीय निकायों की आम शिकायतों का समाधान, उपाय राज्य सरकारों द्वारा इसे अपनाया जाना अभी बाकी है। मरीजों के अधिकार के बारे में उन्होंने बताया कि बीमारी की प्रकृति और कारण, प्रस्तावित
जांच, देखभाल जटिलताओं और उपचार की लागत के बारे में पर्याप्त और प्रासंगिक जानकारी का अधिकार, स्वास्थ्य सेवा केंद्र में उपलब्ध सभी जांच उपचार और सुविधाओं की शुल्क दरों की जानकारी का अधिकार, अपने मामले से जुड़े दस्तावेज मरीज रिकॉर्ड जांच रिपोर्ट और सिलसिलेवार विस्तृत लिखित बिल की एक कापी दिए जाने का अधिकार, किसी भी जांच व उपचार से पहले सहमति लिए जाने का अधिकार, मरीज की पसंद के किसी अन्य चिकित्सक से दूसरी राय लेने का अधिकार, उपचार के दौरान गोपनीयता मानवीय गरिमा और निजता का अधिकार, एक पुरुष चिकित्सक द्वारा किसी महिला रोगी की शारीरिक जांच के दौरान एक महिला की उपस्थिति सुनिश्चित किए जाने का अधिकार, एचआईवी संक्रमण होने के आधार पर उपचार और व्यवहार में गैर भेदभाव का अधिकार, मरीज के मृत शरीर को उनके परिवार को सौंपने का अधिकार, हर मरीजों का यह अधिकार है इसका उल्लंघन होने पर शिकायत की जा सकेगी। इस दौरान सलीमून, संगीता, खैरून, सुनीता, रामा, रामबली, कोलेश्वर, रामविलास, रिंकू आदि लोग शामिल रहे।
No comments:
Post a Comment