अनुपूरक पोषाहार योजना के नवीन विकेन्द्रीकृत व्यवस्था ड्राई राशन का डीएम व सीडीओ द्वारा वितरण
रिपोर्ट-संतोष यादव
सुल्तानपुर। केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के तत्वाधान में बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग ने आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से सुल्तानपुर जिले में सूखा राशन का वितरण शुरू कर दिया है। जिलाधिकारी रवीश गुप्ता व मुख्य विकास अधिकारी अतुल वत्स ने कुड़वार ब्लाक के नरही गांव में कुपोषित, अति कुपोषित, गर्भवती, धात्री सहित विभिन्न श्रेणी के 76 लाभार्थियों को सूखे राशन की किट का वितरण किया। राशन किट पाने वाले लाभार्थियों ने भी इस योजना को सराहा।गौरतलब है कि नए नियम के तहत अब अनुपूरक पुष्टाहार की जगह सूखा राशन जैसे गेहूं, दाल, चावल व दुग्ध पदार्थ आदि वितरित किया जा रहा है।आंगनबाड़ी केंद्रों पर पहले पुष्टाहार वितरित किया जाता था। इसमें सभी प्रकार के अनाज व फूड सेप्लीमेंट मिक्स रहते थे, बच्चों व गर्भवती महिलाओं तक यह आसानी से नहीं पहुंच रहा था। जिसके कारण सरकार ने इसमें थोड़ा बदलाव कर दिया है। अब उसके स्थान पर सूखा राशन गेहूं, दाल, चावल व दुग्ध पदार्थ जैसे देशी घी, स्किम्ड, मिल्क पाउडर आंगनबाड़ी केंद्रों से वितरित किया जा रहा है। माना जा रहा है कि इससे शिशु, गर्भवती, धात्री व किशोरियों के स्वास्थ्य व सही पोषण मिलेगा। जिला कार्यक्रम अधिकारी दिनेश सिंह ने बताया कि पूर्व की भांति ही नया सूखा राशन भी कलर कोडेड होगा। गर्भवती व धात्री के लिए पीला, छह माह से तीन वर्ष के बच्चों के लिए आसमानी नीला, तीन वर्ष से छह वर्ष तक के बच्चों के लिए हल्का हरा,
किशोरियों के लिए गुलाबी व अति कुपोषित बच्चों के लिए लाल रंग की पैकेजिग में सूखे राशन का वितरण आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के सहयोग से किया जाएगा।जिलाधिकारी ने योजना के सफल संचालन हेतु बाल विकास विभाग, ग्रामीण अजीविका मिशन एवं आपूर्ति विभाग को आवश्यक निर्देश दिये। उन्होंने स्वयं सहायता समूहों को निर्देशित किया कि यथाशीघ्र कोटेदार से राशन का उठान करते हुए सभी केन्द्रों के लाभार्थियों को अविलम्ब वितरित कर दिया जाय। जिलाधिकारी ने बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग द्वारा संचालित आंगनबाड़ी केन्द्र नरही तथा केन्द्र पर उपलब्ध संसाधनों का निरीक्षण भी किया एवं बच्चों के लिये उपलब्ध कराये गये टेबल/कुर्सी/फर्नीचर की व्यवस्था पर संतोष जताया। बगल में ही नवीन निर्मित सामुदायिक शौंचालय का भी उनके द्वारा निरीक्षण किया गया। इस अवसर पर जिला कार्यक्रम अधिकारी दिनेश सिंह, खण्ड विकास अधिकारी कुड़वार अंजील सरोज, बाल विकास परियोजना अधिकारी कुड़वार अजीत कुमार, ग्राम प्रधान चन्द्रावती चौरसिया, स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाएं, आगनबाड़ी कार्यकत्री एवं सहायिका मौजूद रहीं।जिले में 2511 आंगनबाड़ी केंद्रों पर 2 लाख 84 हजार बच्चे पंजीकृत हैं, जिनमें से 39 हजार बच्चे कुपोषण की जद में हैं। इनमें 31 हजार 953 बच्चे कुपोषित तो 7020 बच्चे अतिकुपोषित के रूप में दर्ज हैं।
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