रिपोर्ट-इन्द्रजीत भारती
नौगढ़ चंदौली अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर ग्राम्या संस्थान के द्वारा लालतापुर गांव स्थित चिराग केंद्र पर कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में बालिकाओं द्वारा गीत सहित विविध प्रकार के कार्यक्रम किए गए।इस अवसर पर संस्थान के त्रिभुवन ने कहा कि 2012 से अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस हर मनाया जा रहा है, इसका मूल उद्देश्य महिला सशक्तिकरण और उन्हें उनके अधिकार प्रदान करने में मदद करना ताकि दुनिया भर में उनके सामने आने वाली चुनौतियों का सामना कर वह सकें और अपनी जरूरतों को पूरा कर सकें। साथ ही दुनियाभर में लड़कियों के प्रति होने वाली लैंगिक असमानता को खत्म करने हेतु जागरूकता फैलाना है। वहीं संस्थान के रामविलास ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस मनाने की पहल एक गैर सरकारी संगठन प्लान इंटरनेशनल प्रोजेक्ट के द्वारा की गई। अंततः संयुक्त राष्ट्र संघ ने 19 दिसंबर 2011 को इस प्रस्ताव को पारित किया और इसके लिए 11 अक्टूबर का दिन चुना, इस
प्रकार पहला अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस 11 अक्टूबर 2012 को मनाया गया जिसका थीम था बाल विवाह को समाप्त करना। इस वर्ष बालिका दिवस की थीम है "हमारी आवाज और हमारा समान भविष्य" जिसका उद्देश्य समाज में यह संदेश देना है कि कैसे छोटी छोटी बालिकायें आज पूरे विश्व को एक मार्ग दिखाने का प्रयास कर रहीं हैं। इस अवसर पर संस्थान की रिंकू ने कहा कि लालतापुर, मझगाई, देवरा, रिठिया तेंदुआ क्षेत्र के 10 गांव में लड़कियों, किशोरियों के साथ बैठक की जा रही है, जिसमें उनके हक अधिकार एवं लैंगिक असमानता को लेकर जागरूक किया जा रहा है। इस दौरान मंजू शशिकला सरिता सोनम पूनम कविता आदि लोग उपस्थित रही।
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