रख हौसला वो मंजर भी आएगा,
प्यासे के पास चलकर समंदर भी आएगा,
थक कर ना बैठ मंजिल के मुसाफिर,
मंजिल भी मिलेगी और जीने का मजा भी आएगा ।।
चन्दौली शहाबगंज विपत्तिकाल में आर्थिक मदद के रूप में क्षेत्र के होनहार युवा एवम् आईटीबीपी में इंस्पेक्टर के पद पर दिल्ली में तैनात रामपुर निवासी शैलेश बहादुर सिंह ने गरीब के बेटी को शिक्षा ग्रहण करने के लिए
दिया पॉलीटेक्निक कॉलेज के फीस के रूप में 19000/- का योगदान।इस दुनिया में व्यक्ति की जीवंतता उसके संघर्षो में निहित होती है, जितना बड़ा संघर्ष उतना ही बड़ा व्यक्ति होता है। हमारे आस पास ऐसे तमाम उदाहरण देखने को मिल जाते है इन्ही में से एक लड़की है जिसका नाम शा़बिया है। बेहद गरीब परिवार एवम् अभावों में पली बढ़ी लड़की, लेकिन उसके जीवन मे एक ऐसा मनहूस समय आया जब उसका भयंकर एक्सीडेंट हो गया और उसके ममेरे भाई ने तो मौके पर ही दम तोड़ दिया,लेकिन मरणासन्न की अवस्था में जीवन और मौत के बीच संघर्ष कर रही शाबिया बानो को बीएचयू के ट्रामा सेन्टर में भर्ती कराया गया।फिर इस गरीब बच्ची का इलाज कराने का जिम्मा उठाया मातृभूमि सेवा ट्रस्ट ने लगातार लगभग चार महीने तक आईसीयू में एडमिट रहने के बाद किसी तरह हजारों लोगों की दुवाओं से शाबिया की जान बच गई लेकिन शरीर एकदम सुख गया था वो न चल पा रही थी और ना ही बोल पा रही थी। लेकिन उसके बाद भी वो लड़की रुकी नही, टूटी नही,कठिन परिश्रम कर के पालीटेक्निक में अच्छा रैंक हासिल की और मन चाहा जगह अपने ही गृह जनपद में महेंद्रा पालीटेक्निक में एडमिशन लिया।आज उसके जुनून और संघर्ष से मिली सफलता से मातृभूमि सेवा ट्रस्ट सहित पूरे जनपद में एक सकारात्मक ऊर्जा की लहर है,निश्चित रूप से उस लड़की का संघर्ष एक मिशाल है जो अभाव और संघर्ष में पल रही बेटियों के लिए प्रेरणा का स्रोत है।हम उसके उज्जवल भविष्य की कामनाएं करते हुए उसे खूब बधाई देते हैं।
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