न्यायाधीश की उपस्थिति में जरूरतमंद बच्चों के बीच बांटी गई स्टेशनरी - जनसच न्यूज़

Breaking

नमस्ते जनसच न्यूज़ में आपका स्वागत है , जनसच तक अपनी बात jansach20@gmail.com के माध्यम से पहुचायें |

Post Top Ad

Post Top Ad

Sunday, October 25, 2020

न्यायाधीश की उपस्थिति में जरूरतमंद बच्चों के बीच बांटी गई स्टेशनरी

रिपोर्ट-इन्द्रजीत भारती

नौगढ़ चन्दौली चाहे बात कोरोना के आपदा में जनता को भोजन कराने की हो या किसी अन्य सामाजिक काम की हो जन सेवा समिति ट्रस्ट द्वारा समाज के हर वर्ग के उत्थान के लिए प्रयास किया जा रहा है। जन सेवा समिति ट्रस्ट द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में मुहिम चलाया जा रहा है। जिसके सम्बन्ध में एक कार्यक्रम नक्सल प्रभावित क्षेत्र नरकटी में रविवार को न्यायधीश अमित कुमार जज प्रयागराज के गरिमामय उपस्थिति में हुआ। कार्यक्रम में 200 जरूरमंद बच्चों को स्टेशनरी का सामान सोशल डिस्टेंसिंग को दृष्टिगत रखते हुए बाटा गया। इस अवसर पर जूडिशल मजिस्ट्रेट अमित कुमार सिंह द्वारा इस महत्वपूर्ण विषय पर कहा कि बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए पहले प्राथमिक शिक्षा का दिया जाना बहुत ही महत्वपूर्ण हैं। क्योंकि ये ही वो नींव है जिस पर उस बच्चे का भविष्य निर्भर है। प्राथमिक शिक्षा घर से मिलने वाली वो सिख हैं जो बच्चे के माता पिता एवं पारिवारिक सदस्य उसे देते है। घर से मिलने वाले इन्ही प्राथमिक मूल्यों को मूर्त आकार देकर वो एक सशक्त समाज का निर्माण करता हैं। इसीलिए कहा भी जाता है कि परिवार ही बच्चों की प्रथम पाठशाला हैं। बाल शिक्षा के साथ साथ महिला शिक्षा पर भी बल देते हुए उन्होंने कहा कि एक महिला के साक्षर होने से एक परिवार साक्षर बनता है, औऱ ऐसे साक्षर परिवारों से एक 

सशक्त समाज एवं देश का निर्माण होता हैं। इसलिए बच्चों और महिला शिक्षा पर न केवल सबको ध्यान देना चाहिए बल्कि उन्हें ऐसा करने में जितना हो सके सकारात्मक सहयोग एवं वातावरण देना चाहिए। "वही संस्था के अध्यक्ष विनय जायसवाल ने कहा "समाज के हर वर्ग के लोग दयनीय जीवन यापन कर रहे हैं। ऐसे में समिति लगातार बिना भेदभाव के सभी वर्गों के उत्थान को लेकर प्रयासरत हैं। समाज में सभी वर्गों का उत्थान करना हम सब की नैतिक जिम्मेदारी है।"वही समाजसेवी देव जायसवाल ने कहा "आज के परिवेश में जब शिक्षा भारत के गरीब अमीर और विश्व पटल पर छाए हुए बंधु बांधव के बीच में सामंजस्य स्थापित करने का एक माध्यम बनकर निकला है, तब चंदौली क्षेत्र के अति आदिवासी क्षेत्र मे  रह रहे बच्चों के उत्सर्ग के लिए इस संस्था द्वारा चलाया जा रहा अभियान बहुत ही प्रासंगिक है. भारत की शिक्षा नीति में एक बड़ा परिवर्तन अभी-अभी सरकार ने किया है। निश्चित ही नई शिक्षा नीति का परिवर्तन, और हर आयु वर्ग के लाभदायी सिद्ध होगा। देव जायसवाल जी ने कहा कि शिक्षा शेरनी का वह दूध है, जिसको पीने के बाद बच्चा गरजने लगता है। अपने अधिकारी की लड़ाई लड़ने लगता है।इस मुहिम में डा सत्यकाश वैज्ञानिक काशी हिंदू विश्वविद्यालय ने भी  भी अपना सहयोग देने की बात कही है।" इस मौके पर ग्राम प्रधान प्रतिनिधि मणिकर्णिका कोल एवं ग्राम प्रधान हीरावती देवी मदन मोहन,बगेसरा देवी,चंदन यादव,रामभरोस संतोष कुमार यादव,प्रमोद यादव,बिपिन यादव एवं अन्य लोग उपस्थित रहे।



No comments:

Post a Comment



Post Bottom Ad