चन्दौली चकिया वामदलों ने महिला हिंसा की बढ़ती घटनाओं को रोक पाने में नाकाम उ०प्र०के मुख्यमंत्री से इस्तीफे की मांग की है।बतातें हैं कि 2 अक्टूबर राष्ट्रपिता
महात्मा गांधी के जन्म दिवस के अवसर पर स्थानीय गांधी पार्क में काली पट्टी बांध विरोध प्रदर्शन के दौरान वामपंथी दलों के नेताओं ने कहा कि जब प्रदेश और देश हाथरस की 19 वर्षीया बेटी के साथ हुई हैवानियत व मौत का मातम मना रहा था, तभी बलरामपुर में एक और 22 वर्षीय दलित बेटी के साथ गैंगरेप व मौत की सामने आयी घटना ने सभी को स्तब्ध कर दिया है। इन दोनों घटनाओं में दलित महिलाओं को हवस व हैवानियत का निशाना बनाया गया है। वक्ताओं ने कहा कि हाथरस मामले में पुलिस व प्रशासन की भूमिका शक के दायरे में है। क्योंकि एफआईआर दर्ज करने से लेकर पीड़िता के शव को सुबह का इंतजार किये बिना रात के अंधेरे में और परिवार की अनुपस्थिति में जिस तरह पुलिस द्वारा खुद जला देने की जल्दबाजी की गई, उससे लगता है कि पहले तो लीपापोती की कोशिश हुई और फिर सबूतों को नष्ट कर दिया गया। सच सामने लाने के लिए न्यायिक जांच होनी चाहिए और अपराधियों को कड़ी-से-कड़ी सजा तो मिले ही, दोषी अधिकारियों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई हो।जहां तक पूरे प्रदेश की बात है, तो खुद सरकारी रिकॉर्ड गवाह है कि दलित महिलाओं के साथ अपराध के मामले में योगी शासित उत्तर प्रदेश देशभर में अव्वल है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के हालिया आंकड़े इसकी पुष्टि करते हैं।ऐसे में अब वक्त मुख्यमंत्री से कानून व्यवस्था को ठीक करने की मांग करने का नहीं है, बल्कि मुख्यमंत्री व सरकार को ही अलविदा करने का है। बेटियों को बचाने के लिए योगी सरकार को हटाना होगा। वामपंथी दलों के नेताओं ने मुख्यमंत्री से उत्तर प्रदेश की गद्दी से इस्तीफे की मांग की है।विरोध प्रदर्शन में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के जिला सचिव कामरेड राम अचल यादव, भाकपा(माले)जिला सचिव कामरेड अनिल पासवान,भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के जिला सचिव कामरेड सुखदेव मिश्रा,जनवादी महिला समिति जिला अध्यक्ष कामरेड लालमनी विश्वकर्मा, अखिल भारतीय किसान महासभा के नेता राम किशुन पाल,अखिल भारतीय किसान सभा के नेता लालचंद यादव,शंभू नाथ यादव,विदेशी राम,इंकलाबी नौजवान सभा के नेता रमेश चौहान,आइसा कार्यकर्ता क्रांति पासवान,ममता, अर्चना,एपवा नेता मंजू देवी सहित तमाम लोग शामिल रहे|Post Top Ad
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