ओलंपिक खेलों में भारतीय विजेंदर सिंह - जनसच न्यूज़

Breaking

नमस्ते जनसच न्यूज़ में आपका स्वागत है , जनसच तक अपनी बात jansach20@gmail.com के माध्यम से पहुचायें |

Post Top Ad

Post Top Ad

Thursday, October 1, 2020

ओलंपिक खेलों में भारतीय विजेंदर सिंह

कानपुर विजेंदर सिंह का जन्म 29 अक्टूबर सन् 1985 को भारत के हरियाणा राज्य के कालू वास नाम के एक गांव में हुआ था। विजेंद्र बहुत ही गरीब

परिवार से संबंध रखते थे। विजेंद्र सिंह के पिता महिपाल सिंह हरियाणा रोडवेज के बस ड्राइवर थे वे समय से अधिक देर तक बस चलाया करते थे ताकि विजेंद्र और मनोज की पढ़ाई के लिए पैसे इकट्ठे हो जाएं। इनकी माता कृष्णा देवी एक ग्रहणी है बाद में इनके भाई मनोज सेना में कार्यरत हो गए। विजेंद्र ने अपनी शुरुआती पढ़ाई भिवानी से की भिवानी कॉलेज से स्नातक की पढ़ाई संपन्न की । इनको बचपन से ही कुश्ती और बॉक्सिंग बेहद पसंद थी। बॉक्सिंग की प्रैक्टिस भिवानी बॉक्सिंग क्लब से करते थे। उन्होंने कोचिंग का प्रशिक्षण भारतीय कोच गुरूबक्श्क्ष सिंह संधू से लिया। लंबे समय के बाद मुक्केबाजी के समर्थक बन गए और उन्होंने मुक्केबाजी को गंभीरता से लेना शुरू कर दिया भारतीय मुक्केबाज विजेंदर सिंह ने जूनियर लेवल में बहुत से पुरस्कार जीता और विजेंदर सिंह ने 1997 मे सब जूनियर नेशनल एक रजत पदक जीता और इसके बाद उन्होंने सन 2000 के नेशनल में अपना प्रथम स्वर्ण पदक जीता इसी के चलते 2003 में विजेंदर पूरे भारत के अपने भार वर्ग में मुक्केबाज चैंपियन बन गए सन 2003 में एफो् एशियाई गेम्स में एक नया मोड़ आया एक जूनियर मुक्केबाज होने के बावजूद भी विजेंदर ने ट्रायल में भाग लिया और वे चुन लिए गए वहां उन्होंने रजत पदक जीता। 2004 में विजेंदर ने एथेंस ओलंपिक में वेल्टरवेट भार वर्ग में भाग लिया लेकिन तुर्की के मुस्तफा करागोल्ला से 20- 25 के स्कोर से हार गए। सन 2006 में विजेंद्र ने कॉमनवेल्थ गेम्स में भाग लिया और वे सेमी फाइनल जीत भी गए किंतु फाइनल में हारने के कारण उन्हें कांस्य पदक मिला फिर उन्होंने निश्चित किया कि वे अपने को‌ बदल देंगे 2006 में हुए एशियाई गेम्स में विजेंदर अपने मिडिल वेट के साथ सामने आए उन्होंने यहां भी कांस्य पदक जीता और 2008 में होने वाले बीजिंग ओलंपिक के लिए क्वालीफाई कर गए। सन 2008 में होने वाले बीजिंग ओलंपिक के लिए विजेंदर सिंह सीखने के लिए जर्मनी गए इसके बाद बीजिंग ओलंपिक में विजेंद्र ने मिडिलवेट भार वर्ग में भाग लिया और वहां उन्होंने कांस्य पदक जीता यहां पर भारत के लिए पहला पदक जीते।सन 2009 में बीजिंग ओलंपिक के बाद विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप में एक और कांस्य पदक जीता और इसी साल अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाजी मिडिलवेट रैंकिंग में विजेंद्र का नाम भी शामिल हो गया इसी साल हुए ओलंपिक पदक जीतने के लिए राजीव गांधी खेल रत्न अवॉर्ड भी दिया गया और पद्मश्री अवार्ड के लिए उनका नाम डाला गया परंतु उन्हें उस साल वह अवार्ड नहीं मिला।सन 2010 में दिल्ली में हुए कॉमनवेल्थ मुक्केबाजी चैंपियनशिप विजेंदर ने स्वर्ण पदक जीता उसी साल दिल्ली में हुए कुछ विवाद   के चलते उन्होंने अपना सेमीफाइनल खो दिया जब उन्हें चार अंको का जुर्माना लगाया गया और यह सब विजेंदर के कांस्य पदक जीतने के बाद समाप्त हो गया। इसके बाद।एशियाई खेल में विजेंद्र ने स्वर्ण पदक जीता। 2010 में अच्छे प्रदर्शन के लिए उन्हें पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया।सन 2011 में विजेंदर ने फिल्मों में हाथ आजमाया और अक्षय कुमार द्वारा निर्मित फिल्म फगली मे काम किया। और इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर अच्छी कमाई की। इसके बाद विजेंद्र को गोविंदा की बेटी के साथ फिल्म करने का प्रस्ताव आया परंतु उन्होंने मना कर दिया। क्योंकि विजेंद्र को अपने खेल में ध्यान देना था।और अगले साल 2012 में होने वाले लंदन ओलंपिक के लिए क्वालीफाई कर गए परंतु वह क्वार्टर फाइनल में हार गए और कोई पदक नहीं जीत सके।6 मार्च सन 2012 में ड्रग्स केस में उनका नाम आया परंतु बाद में उन्हें बरी कर दिया गया।सन 2014 मैं ग्लास्गो कॉमनवेल्थ गेम में विजेंदर सिंह ने भाग लिया और रजत पदक जीता।विजेंदर एक मुक्केबाज होने के साथ-साथ हरियाणा पुलिस में डीएसपी रह चुके हैं। सन 2015 में विजेंदर सिंह ने आई ओ एस खेल और मनोरंजन के द्वारा एक क्वींस बेरी प्रमोशन के साथ बहु वर्षीय एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर कर दिया जिससे उनके करियर में एक नया मोड़ आ गया और उन्होंने प्रोफेशनल मुक्केबाजी शुरू कर दी।विजेंदर पहले व्यक्ति हैं जिन्होंने अपने कैरियर को प्रोफेशनल लेवल पर आगे बढ़ाया।


लेखक-सुनील कुमार ननकू

संयोजक व मीडिया प्रभारी भारतीय क्रीड़ा विकास संगठन,चेयरमैन ड्रॉप रोबॉल प्रमोशन बोर्ड सचिव, कानपुर देहात वेट लिफ्टिंग एसोसिएशनसचिव,कानपुर देहात किक बॉक्सिंग एसोसिएशनअध्यक्ष ननकू सिंह यादव शिक्षा एवं खेल जन सेवा संस्थान रहीमपुर अकबरपुर कानपुर देहात।



No comments:

Post a Comment



Post Bottom Ad