रिपोर्ट-त्रिपुरारी यादव
वाराणसी रोहनिया- शाहंशाहपुर स्थित भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान के निदेशक डॉ. जगदीश सिंह की देखरेख में संस्थान द्वारा फार्मर फर्स्ट परियोजना पनियरा,धानापुर, बाबूराम का पूरा,राजापुर, लश्करियाँ,एवं उपाध्यायपुर गांवों में वर्ष 2016 से अबतक संचालित की जा रही है जिसके तहत किसानों को विभिन्न तकनीकी सहयोग एवं निवेश (सब्जियों, धान्य एवं दलहनी फसलों के बीज, गेंदा पुष्प, एग्रोनेट, नर्सरी पौध तैयार करने के लिए प्लग ट्रे, वर्मी कम्पोस्ट बनाने की संरचना, मुर्गीयों, कड़कनाथ, निर्भीक, कैरी देवेन्द्रा के चूजें आदि) प्रदान कर उनको आर्थिक एवं सामाजिक रुप से सुदृढ़ किया जा रहा है। संस्थान से तकनीकी प्राप्त करने वाले अनिल सिंह ग्राम पनियरा, वाराणसी को भा.कृ.अनु.प. राष्ट्रीय कृषि अनुसंधान प्रबंध अकादमी, राजेन्द्रनगर, हैदराबाद के 45वें स्थापना दिवस पर राष्ट्रीय स्तर पर इनोवेटिव फार्मर अवार्ड – 2020 प्रदान किया गया जिसका प्रमाण पत्र एवं स्मृति चिन्ह संस्थान के निदेशक द्वारा बुधवार को दिया गया। सम्मान प्राप्त करने वाले अनिल सिंह ने अपनी 5 एकड़ की जमीन से धान, गेहूँ एवं सब्जियों की तकनीकी खेती कर अधिक उपज लाभ प्राप्त किये जो अन्य किसानों के लिए प्रेरणा स्रोत हैं।आज इनके द्वारा बड़े पैमाने पर सब्जी मटर, टमाटर, लोबिया, भिण्डी, लौकी, तोरई, आदि की खेती कर रहे हैं जिससे उन्हें प्रति वर्ष 3.5 लाख रुपये की आय प्राप्त हो रही है। पिछले साल उन्होंने 1 एकड़ सब्जी मटर की किस्म काशी नन्दनी से मात्र 70 दिनों में 35 कु. उपज प्राप्त की जिसका मूल्य 90,000 रुपया प्राप्त किये। इन्होंने अपने घर के पास परिवार वालों को लगातार ताजी सब्जियाँ मिलती रहे इसके लिए 150 वर्ग मी. में पोषण वाटिका भी स्थापित की है। संस्थान द्वारा संचालित फार्मर फर्स्ट परियोजना डॉ. नीरज सिंह, डॉ. डी. आर. भरद्वाज, डॉ. एस. के. सिंह, एवं डॉ. शुभदीप राय की समन्वय में संचालित की जा रही है जिससे 650 किसान जुड़े हुए हैं। निदेशक ने संस्थान द्वारा चलाये जा रहे फार्मर फर्स्ट परियोजना की सफलता पर हर्ष व्यक्त की और वैज्ञानिकों द्वारा दिये गये तकनीकी योगदान की सराहना करते हुए पुरुष्कृत किसान को बधाई दी।
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