कोरोना संक्रमण को लेकर लगाए गए लॉकडाउन के कारण टूटा ऐतिहासिक परंपरा,बिना गाजे-बाजे के साथ नववधू जोड़ें हुए पूजा में सम्मिलित, सादगी ढंग से हुआ जिउतिया पूजा
रिपोर्ट-त्रिपुरारी यादव
वाराणसी रोहनिया-ग्रामीण क्षेत्रों में बृहस्पतिवार को मोहनसराय, राजातालाब, गंगापुर, विरभानपुर ,अखरी, लठिया,जगतपुर ,शहावाबाद, दरेखु, मिसिरपुर ,नरउर , जख्खिनी ,नरोत्तमपुर, शहंशाहपुर,मातलदेई , भवानीपुर इत्यादि गांव सहित रोहनिया क्षेत्र के सभी गांवो में धूमधाम से हर्षोल्लास के साथ जिउतिया पर्व मनाया गया।विगत पिछले कई वर्षों के अपेक्षा इस वर्ष कोरोना संक्रमण के वजह से सरकार द्वारा लगाए गए लॉकडाउन के नियमों का पालन करते हुए ग्रामीण क्षेत्रों में विगत कई वर्षों की परंपरा टूटा और सादगी ढंग से कई जगह अलग-अलग मंदिरों पर ग्रामीण महिलाओं के साथ साथ सादगी ढंग से बिना गाजे-बाजे के साथ नववधूओ ने अपने पति के साथ जिउतिया पूजा में सम्मिलित हुई। लेकिन लोगों द्वारा नाही सामाजिक दूरी का ध्यान दिया गया और नहीं मास्क का प्रयोग किया गया।
बताया जाता है कि परंपरा अनुसार इस ज्युतिया पूजा में महिलाओं द्वारा बिना खाए पिए 24 घंटा का कठिन व्रत रखकर अपने पुत्र के दीर्घायु होने की कामना से पूजा स्थल पर ग्रामीण महिलाओं नेआपस में अलग-अलग कई झुंड में अनेक प्रकार की फल,मिष्ठान, विभिन्न प्रकार के व्यंजन पकवान,ईख,चढ़ाकर धूप अगरबत्ती दीपक जलाकर माता ज्युूतिया की पूजा करती है। जिसके दौरान परंपरा अनुसार महिलाओं द्वारा क्रमशः बारी-बारी से किस्सा कहानी भी सुनाया जाता है। और परंपरागत महिलाओं द्वारा अपने बच्चे को गोद में लेकर लंबी उम्र के लिए तथा नववधू जुड़े के साथ बैठकर विधि विधान से जीवित्पुत्रिका माता की पूजा अर्चना करती है।
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