चकिया चन्दौली भारतीय रिजर्व बैंक के गाइडलाइन के बावजूद माइक्रोफाइनेंस कंपनियों व स्वयं सहायता समूह द्वारा दबाव बनाकर किस्त की वसूली की जा रही है। जिससे ग्रामीण गरीब महिलाओं के ऊपर लाक डाउन में किसी भी तरह की आमदनी ना होने,काम धंधा बंद होने की वजह से उनके उपर अतिरिक्त बोझ बढ़ रहा है।इसलिए हम यह मांग करते हैं कि पहले तो वसूली का दबाव बनाने वालों के खिलाफ कार्यवाही किया जाए और सभी तरह के कर्जे जो गरीब महिलाओं,गरीब किसानों,मजदूरों ने लिया है उसे माफ किया जाए। उक्त बातें स्थानीय ब्लॉक कार्यालय पर अपनी मांगों से संबंधित तख्तियां लिए अखिल भारतीय खेत एवं ग्रामीण मजदूर सभा खेग्रामस के राष्ट्रीय आह्वान पर नारे लगा मानव श्रृंखला बनाकर मांग करते हुए खेग्रामस के राष्ट्रीय सचिव कामरेड अनिल पासवान ने कही।
खेग्रामस नेता ने कहा कि कोरोना महामारी के कारण हुए लाक डाउन की वजह से काम धंधे ठप होने के कारण बेरोजगारी बढ़ी है। मनरेगा के तहत काम न मिलने के साथ ही लोगों की आमदनी घट गई है।जिसकी वजह से ही भारतीय रिजर्व बैंक ने दिशा निर्देश दिया कि 31 मार्च 2021 तक किसी भी तरह के कर्जे की वसूली के लिए दबाव न बनाया जाए,बावजूद इसके यह कार्यवाही जारी है, जो गरीबों के ऊपर दोहरी मार है। अगर यह कार्यवाही नहीं रुकी तो 15 सितंबर को पूरे जिले की महिलाएं, ग्रामीण गरीब जिलाधिकारी कार्यालय के समक्ष मानव श्रृंखला बना संघर्ष का ऐलान करेंगे।
इस मौके पर मार्च तथा मानव श्रृंखला में शिवनारायण विन्द,विजयी राम, मंजू देवी,शिव चौहान, रमेश चौहान,विदेशी राम, सालिक बनवासी,रजवंती देवी,रामवंती देवी,कृष्णावती देवी,किस्मती देवी धनरा देवी,मनोरमा देवी,रीमा देवी, सरिता देवी,आशा देवी सहित सैकड़ों महिलाएं शामिल रही।
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