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Monday, August 31, 2020

महिलायें किसी से कम नहीं-स्वत:रोजगार उपायुक्त

 समूह से संवरी महिलाओं की जिंदगी- बेसिक शिक्षा अधिकारी 

जिलाधिकारी चन्दौली की पहल पर मिला है, स्कूल ड्रेस बनाने का काम

अब तक बयालीस हजार स्कूल ड्रेस बनकर तैयार


चन्दौली भोड़सर चुनौतियों का हँसकर स्वागत करने वाली महिलाएँ आज हर क्षेत्र में अपना लोहा मनवा रही हैं। कल तक भावनात्मक रूप से कमजोर महिलाएँ आज आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन रही हैं तथा



अपनी जिंदगी के महत्वपूर्ण फैसले स्वयं कर रही हैं।अपनी क्षमताओं से महिलाओं ने आज पुरुषों को पीछे छोड़ते हुए परिवार व समाज में एक अलग पहचान बनाई है। आत्मनिर्भर बनकर आज महिलाएँ बाजार की हर चुनौतियों का सामना कर रही हैं।आने वाले समय में स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को ग्रामीण अर्थव्यवस्था के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देने से कोई रोक नहीं सकता।उक्त बातें  चन्दौली जनपद के स्वतः रोजगार उपायुक्त महेन्द्र प्रसाद चौबे ने कही।मौका था,नारी शक्ति महिला प्रेरणा ग्राम संगठन के तत्वावधान में प्राथमिक विद्यालय के छात्रों के लिए सिले जा रहे स्कूल ड्रेस कारखाने के निरीक्षण कार्यक्रम का।आपको बता दें कि जिलाधिकारी नवनीत सिंह चहल की पहल पर स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा स्थापित सिलाई कारखाने का निरीक्षण करने के बाद अपना विचार व्यक्त करते हुए विशिष्ट 


अतिथि भोलेन्द़्र प्रताप सिंह (जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, चन्दौली)ने कहा कि इन महिलाओं की मेहनत और कामयाबी की उत्तर प्रदेश सरकार तक गूंज है।कोरोना काल में मास्क बनाकर आपने साबित कर दिया है कि आप देश और समाज के लिए कुछ भी कर सकती हैं।इसीलिए जिलाधिकारी की पहल पर स्वतःरोजगार उपायुक्त के साथ मिलकर हम सभी ने स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को स्कूल ड्रेस बनाने की महती जिम्मेदारी सौंपी।उन्होंने कहा कि कहते हैं न कि 'संघे शक्ति सर्वदा', पांच उंगलियां मिल जाएं तो मुट्ठी बन जाती हैं, पांच पंच परमेश्वर हो जाते हैं। चन्दौली में इस समय नारी शक्ति महिला प्रेरणा ग्राम संगठन की  महिलाओं  ने कुछ ऐसा कर दिखाया है कि जानने वाले हैरत में पड़ जाते हैं।जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने महिलाओं को भरोसा दिलाते हुए कहा कि जब भी मेरे लायक कोई सेवा हो,मैं सदैव तत्पर रहूंगा।मातृभूमि सेवा ट्रस्ट के अध्यक्ष संजय कुमार सिंह ने कहा कि अब हमें अपनी अर्थव्यवस्था को दूरगामी नजरिये से संचालित करना पड़ेगा।इसलिए हम बात करेंगे,'द फ़ीमेल फ़्यूचर' की.'फ़्यूचरिज़्म' यानी - भविष्य को देखने और उसे 


संवारने की प्रक्रिया।पितृसत्तात्मक समाज में अब तक भविष्य बनाने और संवारने का ज़िम्मा पुरुष ही उठाते रहे हैं, अगर हमारा भविष्य महिलाओं द्वारा संचालित होगा तो कैसा होगा?अब इस बात पर सोचने की जरुरत है।हमें महिलाओं के जोश और जुनून को देखकर अब यह विश्वास हो गया है कि आने वाला वक्त अब स्वयं सहायता समूह की महिलाओं का ही होगा।संचालन सुबाष विश्वकर्मा ने और आभार नारी शक्ति महिला प्रेरणा ग्राम संगठन की अध्यक्ष श्रीमती आरती सिंह ने किया।कार्यक्रम में प्रमुख रुप से संतोष सिंह(जिला समन्वयक बेसिक शिक्षा विभाग),विवेक सिंह (जिला मिशन मैनेजर एन. आर. एल. एम)रिंकू विश्वकर्मा,ओमप्रकाश सिंह,सुमन्त मौर्य,रामनिवास सिंह (प्रधान) प्रियंका कुमारी, लालती देवी,मौसम देवी,सिब्बू रेहाना,रेखा देवी,परमिला गुप्ता काजल गुप्ता,देबी गुप्ता,अफशाना बानो,विमला देवी,सीमा विश्वकर्मा,राजमुनि मौर्या,सजीला बेगम,इत्यादि महिलाओं ने स्कूल ड्रेस बनाया और अभियान में अपनी मौजूदगी दर्ज कराया।



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