लखनऊ। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद पूर्व मुख्यमंत्रियों के बंगले खाली कराने का दबाव उत्तर प्रदेश सरकार पर लगातार बना हुआ है । सरकार इस चुनौती से निपटने के लिए कानून विशेषज्ञों से लगातार संपर्क में है। कैसे इस संवैधानिक संकट से निकला जाए मुख्यमंत्री का कार्यालय इसी उधेड़बुन में तमाम रास्तों को निकालने का प्रयास कर रहा था। योगी आदित्यनाथ और सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के मिलने की खबरें मीडिया में तैरने लगी । इसके पहले भी कई खबरें जिन्हें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सिर्फ कार्यालय तक सीमित रखना चाहते थे वह खुलेआम मीडिया में चर्चा का विषय बन जा रही थी । इसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बैठक कर अपने कार्यालय के अधिकारियों को हिदायत भी दिया था कि इस तरह का कार्य न किया जाए जिससे मुख्यमंत्री कार्यालय पर कोई आंच आए। लेकिन इसके बाद भी जब इन परिस्थितियों में कोई सुधार नहीं हुआ तो मजबूर होकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ में अपने निजी सचिवों पर बड़ी कार्रवाई की गुरुवार को योगी आदित्यनाथ ने अपने निजी सचिव पीतांबर यादव और अपने प्रमुख सचिव एसपी गोयल के निजी सचिव शिशुपाल को उनके पद से हटा दिया। बता दें कि पीतांबर यादव अखिलेश यादव के वक्त से ही मुख्यमंत्री के निजी सचिव थे, जिन्हें योगी ने नहीं हटाया था। लेकिन बीते दिनों कुत्तों के जानलेवा हमलों के बीच, योगी आदित्यनाथ के सीतापुर जाने के कार्यक्रम को भी लीक कर दिया गया था जिसपर अखिलेश यादव ने पहले ही ट्वीट कर दिया था। इन्ही सब घटनाओं के कारण पीतांबर यादव मुख्यमंत्री कार्यालय की रडार पर थे।
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