ग़ाज़ीपुर: कभी कभी प्रशासन में बैठे लोगों की हरकतों की तस्वीरें मानवीय संवेदना को पूरी तरह से झकझोर कर रख देती हैं और देखने वालों के अन्दर इस कदर कुलबुलाहट पैदा कर देतीं हैं कि वह एक न एक बार तो ज़रूर उस तस्वीर में छुपी भयावह स्थितियों को जानने की कोशिश करता है। अक्सर मीडिया के जरिये ऐसी तस्वीरें देखने को मिल जाती हैं जिसमे इंसानों का अमानवीय पहलू साफ झलकता है, और उन तस्वीरों से चीखती आवाज़े सुनकर दिल से एक ही आवाज़ निकलती है कि आज इंसान किस हद तक सितमगर हो चुका है जो अपनी हठधर्मिता और अहंकार में मुर्दों पर भी रहम नहीं करता।
ऐसा ही इंसानियत को शर्मसार करने वाला मामला प्रकाश में आया। वाकया जिला अस्पताल का है, जहां बीती रात के न जाने किस पहर से एक युवक का शव अमानवता के साथ बाहर फेंका हुआ नजर आया। लोगों से पूछताछ में जानकारी मिली की देर रात पुलिसकर्मियों द्वारा इस व्यक्ति को जिला अस्पताल में दाखिल कराया गया था, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत होने के बाद अस्पताल प्रशासन ने उस व्यक्ति की डेड बॉडी अस्पताल से बाहर जमीन पर फेंक दी। अस्पताल परिसर में घंटों लावारिस हालत में पड़ा वह शव अस्पताल प्रशासन और पुलिस विभाग की अमानवता को साफ बयां करता रहा। सूचना मिलने पर जब सिटी न्यूज़ एक्सप्रेस के संवाददाता जिला अस्पताल पहुंचे तब भी उस व्यक्ति का शव जिला अस्पताल में आने जाने वाले रास्ते के किनारे फेंकी हुई हालत में पड़ा हुआ था, जिस पर मक्खियां भिनभिना रही थीं। यह तस्वीर हमारी अराजक व्यवस्था की निशानी है। जहां संवेदनाएं शून्य हो गई हैं।
इसके बाबत जब जिला अस्पताल के इमरजेंसी में तैनात डॉ0 डीके चौधरी से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि हमें भी अभी ही जानकारी हुई कि बाहर कोई डेड बॉडी पड़ी हुई है। संवाददाता द्वारा इसके बाबत सूचना दिए जाने के बावजूद भी स्थानीय पुलिस पूरी तरह से निष्क्रिय बनी रही। इस दौरान जिला अस्पताल की पुलिस चौकी में ताला भी लटकता नजर आया। अंततः जिलाधिकारी के0 बालाजी को घटना के बारे में और अधिकारियों की निष्क्रियता की जानकारी दी गई। जिस पर जिलाधिकारी ने तत्काल संज्ञान लिया। तब जाकर आनन-फानन जिला प्रशासन ने शव को अस्पताल के अंदर किया और पोस्टमार्टम की कार्यवाही शुरू करवाई। फिलहाल यह घटना अधिकारियों कर्मचारियों के अमानवीय कृत्य को लेकर खासी चर्चा में है।
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