गाजीपुर के जिलाधिकारी के. बालाजी ने किसानों के गेहूं के क्रय केंद्रों का औचक निरीक्षण करने का आदेश तहसीलदार सदर रमेश मोर्य को दिया डीएम का आदेश पाते ही तहसीलदार सदर तपती दोपहरी में मंडी समिति के क्रय केंद्रों गोशन्दे पुर, चोचकपुर, करंडा पहुंचे।जहां तीनों जगहों पर मार्केटिंग इंस्पेक्टर मिथिलेश कुमार सिंह गायब मिले गेहूं खरीद में अनियमितता को देखते हुए तहसीलदार ने केंद्र प्रभारी के खिलाफ कठोर कार्रवाई की संस्तुति की है। जिससे बिपणन अधिकारियों में हड़कंप मची हुई है। वही किसानों में खुशी की लहर देखी जा रही है।
बता दें कि इस बार गेहूं का रिकॉर्ड उत्पादन होने की वजह से और किसानों का गेहूं ₹ 1745: रुपए प्रति कुंतल खरीदने के लिए केंद्र सरकार ने रेट तय कर रखा है। जिससे किसानों के गेहूं को मंडी समिति द्वारा स्थापित विपणन केंद्रों पर ही किसानों से सीधे खरीद किया जा रहा है। जिससे बिचौलियों को झटका,व मायूसी हाथ लगी है। वही किसानों की उपज का अच्छा दाम मिलने से किसानों में काफी खुशी है।
सूत्रों ने बताया कि केंद्र सरकार की इस व्यवस्था से विपणन अधिकारियों व बिचौलियों के सिंडिकेट को करारा झटका लगा है।
इस व्यवस्था को धता बताते हुए विपणन अधिकारियों ने तमाम बहाने जैसे बोरे की कमी ,रखने की समस्या ,को बता कर सीधे किसानों का गेहूं खरीदना बंद कर दिया। और वही बिचौलियों द्वारा बड़े पैमाने पर गांव-गांव घूमकर किसानों से 14 सो रुपए गेहूं खरीद कर विपणन केंद्रों पर ही बेचा जा रहा था। जिससे किसानों को भारी नुकसान हो रहा था ।जिसकी शिकायत जिलाधिकारी महोदय को लगातार मिल रही थी।
तहसीलदार ने मीडिया को बताया कि न तो बोरे की कमी है, न रखने की समस्या। 12 मई से चोचकपुर में गेहूं खरीद नहीं हो रही थी ।वहां के बिपणन अधिकारी भी गेहूं रखने की समस्या बता रहे थे। व बोरे की कमी, जब कि ऐसी कोई बात नहीं है। गोशन्दे पुर ,चोचकपुर, करंडा का मौके पर निरीक्षण किया गया। मार्केटिंग सेंटर लखन चन्दपुर के विपणन अधिकारी मिथिलेश कुमार सिंह मौके से गायब मिले। कार्य में लापरवाही व किसानों को परेशान करने के आरोप में करवाई होना तय है।
बता दें कि इस बार गेहूं का रिकॉर्ड उत्पादन होने की वजह से और किसानों का गेहूं ₹ 1745: रुपए प्रति कुंतल खरीदने के लिए केंद्र सरकार ने रेट तय कर रखा है। जिससे किसानों के गेहूं को मंडी समिति द्वारा स्थापित विपणन केंद्रों पर ही किसानों से सीधे खरीद किया जा रहा है। जिससे बिचौलियों को झटका,व मायूसी हाथ लगी है। वही किसानों की उपज का अच्छा दाम मिलने से किसानों में काफी खुशी है।
सूत्रों ने बताया कि केंद्र सरकार की इस व्यवस्था से विपणन अधिकारियों व बिचौलियों के सिंडिकेट को करारा झटका लगा है।
इस व्यवस्था को धता बताते हुए विपणन अधिकारियों ने तमाम बहाने जैसे बोरे की कमी ,रखने की समस्या ,को बता कर सीधे किसानों का गेहूं खरीदना बंद कर दिया। और वही बिचौलियों द्वारा बड़े पैमाने पर गांव-गांव घूमकर किसानों से 14 सो रुपए गेहूं खरीद कर विपणन केंद्रों पर ही बेचा जा रहा था। जिससे किसानों को भारी नुकसान हो रहा था ।जिसकी शिकायत जिलाधिकारी महोदय को लगातार मिल रही थी।
तहसीलदार ने मीडिया को बताया कि न तो बोरे की कमी है, न रखने की समस्या। 12 मई से चोचकपुर में गेहूं खरीद नहीं हो रही थी ।वहां के बिपणन अधिकारी भी गेहूं रखने की समस्या बता रहे थे। व बोरे की कमी, जब कि ऐसी कोई बात नहीं है। गोशन्दे पुर ,चोचकपुर, करंडा का मौके पर निरीक्षण किया गया। मार्केटिंग सेंटर लखन चन्दपुर के विपणन अधिकारी मिथिलेश कुमार सिंह मौके से गायब मिले। कार्य में लापरवाही व किसानों को परेशान करने के आरोप में करवाई होना तय है।
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