चंदौली: साहबगंज विकासखंड अंतर्गत मन कपड़ा गांव के रामाशीष को
पुत्र की तरह डीएम ने सुनी वृध्द कीगुहार
पड़ोसियों के कंधों पर सवार होकर जाता था शौच को शौचालय देने से पीछे हट रहे थे ग़ाम प्रधान।
कहते है कि जिनका कोई नही होता, उनके लिए ईश्वर द्वारा कोई ना कोई फरिश्ता भेज ही दिया जाता है। कुछ ऐसा ही शहाबगंज विकासखंड के मनकपड़ा गांव में देखने को मिला। जहां सालों से एकअसहाय, वृध्द गरीब व्यक्ति शौचालय के लिए कई बार से गुहार लगा रहा था, लेकिन उसके आवाज को सुनने वाला कोई नही था।
तब लाचार होकर उसने जिले के मुखिया नवनीत सिंह चहल से रोते हुए फोन पर अपनी व्यथा बताते हुए मदद की अपील की। जिसके बाद डीएम ने त्वरित एक्शन लेते हुए आंधे घंटे के भीतर ही सेकेटरी के माध्यम से शौचालय की पहली किस्त छह हजार रूपये का चेक वृध्द के घर भेजवाया।
शहाबगंज के मनकपड़ा गांवनिवासी रामाशीषपुत्रस्व0रामचरण सिंह के परिवार में एक भी सदस्य नही है। वहीं दूसरी तरफ वें शारीरिक रूप से अपने पैरों पर खड़े होने में भी अक्षम है। आलम यह है कि उनको शौच, स्नान इत्यादि कार्यों के लिए पड़ोसियों के उपर निर्भर रहना पड़ता है। पैर से अक्षम होने के कारण कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। लेकिन सबसे अधिक समस्या शौच को लेकर होती है।
घर में शौचालय ना होने के कारण शौच के लिए बाहर जाना पड़ता है, वो भी दूसरे के सहारे। जिसको देखते हुए वें कई बार प्रधान तथा अन्य जनप्रतिनिधियों से शौचालय की गुहार लगा चुके थे, लेकिन इतनी परेशानियों के बावजूद उनको शौचालय आवंटित नही किया गया।
ऐसी परिस्थिति में थक हार कर रामाशीष ने किसी व्यक्ति की सहायता से फोन के द्वारा जिलाधिकारी को गिड़गिड़ाते हुए अपनी पूरी समस्या कह सुनाई। जिसके बाद जिलाधिकारी एक बेटे के रूप में उनकी मदद के लिए आगे आएं और तत्काल बीडीओ को फोन के माध्यम से निर्देशित करते हुए धनराशि आवंटित की
और ग्राम विकास अधिकारी को तत्काल निर्देशित किया गया कि गांव में पहुंचकर रामाशीष को शौचालय की चेक धनराशि रिसीव कराएं। और फरमान सुनते ही ऐसा ही हुआ डीएम के इस निर्णय को लेकर काफी सराहना व चर्चा हो रही है।
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