वाराणसी स्थित विकासखंड पिंडरा के अंतर्गत गांवों में 14वां व चतुर्थ राज्य वित्त के पैसे से गांव को जगमग करने के लिए लगे करोड़ों रुपए की लागत से सोलर लाइट लगाने के चंद महीनों बाद ही दगा देने शुरू कर दिए। बिगड़े हुए सोलर लाइट को बनाने के लिए स्थानीय दुकानदार तकनीशियन बनाने से साफ इंकार कर रहे हैं। तकनीशियनों का कहना है कि वह सरकारी सामान का मरम्मत नहीं करेगे।
जिससे पात्रों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
बताया गया कि पिंडरा विकास खंड के कई गांवों के लोगों ने नाम ना छापने की शर्त पर बताया कि उनके घर के बाहर 5 माह पहले सोलर लाइट सरकारी योजनाओं के तहत लगाया गया था। उस समय ठेकेदार ने 1 साल के अंदर खराब होने पर बदलने को ठीक करने की गारंटी ली थी ।अब सोलर लाइट खराब होने पर ठेकेदार फरार है। स्थानीय दुकानदार तकनीशियन सरकारी लाइट बताकर इसे बनाने से कतरा रहे हैं। ठेकेदारों व संबंधित लोगों ने सोलर लाइट लगाते वक्त व लगाने के बाद एक बार भी लोगों से बात करना मुनासिब नहीं समझा था।
बताते चलें कुछ सोलर लाइट तो खास लोग अपने दरवाजे पर बाउंड्री में भी लगा रखा है जो नियम के विपरीत है ।सोलर लाइट लगाते वक्त लोगों ने सवाल खड़े किए थे साथ ही शंका भी जताई थी कि जरूर लंबा गोल माल है ।उस समय अधिकारियों ने जांच के बाद कार्रवाई करने का आश्वासन देकर उसे ठंडे बस्ते में डाल दिया था ।उस समय सोलर लाइट की कीमत लगभग ₹18000 से लेकर ₹25000 तक एक सोलर लाइट खरीद पर दिखाया गया था। इस पर काफी विरोध भी हुआ था।
विकासखंड पिंड्रा के लगभग 54 गांवों में लाइट लगाने के लिए करोड़ों रुपया बिना टेंडर के पास कर दिए गए ।जबकि नियम है कि ₹100000 :एक लाख के ऊपर के कार्य को बिना टेंडर न किया जाए।
संपूर्ण समाधान दिवस में भी उठा था सोलर लाइट का मुद्दा लोगों ने एसडीएम को शिकायती पत्र देकर मुद्दा उठाया था। जिसे एस.डी.एम. ने जांचोपरांत कार्रवाई की बात कही थी । लेकिन 15 दिन बीत जाने के बाद भी कार्यवाही ना होने पर लोगों में आक्रोश है। गांव गरखड़ा के रामप्रवेश पांडे ,थाना गांव के अंजनी पांडे, परसरा के रामचंद्र समाज सेवी जगदंबा पांडेएडवोकेट आदि लोगों ने मामले की उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग की है। ताकि दुध का दुध व पानी का पानी हो।
बी.डी.ओ.चन्द़ शेखर ने अपने कार्यकाल में 4 माह में ऐसी शिकायत व जन सूचना का मामला संज्ञान में आना नहीं बताया ।संज्ञान में मामला आने पर तत्काल कार्यवाही की जाएगी ।
जिससे पात्रों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
बताया गया कि पिंडरा विकास खंड के कई गांवों के लोगों ने नाम ना छापने की शर्त पर बताया कि उनके घर के बाहर 5 माह पहले सोलर लाइट सरकारी योजनाओं के तहत लगाया गया था। उस समय ठेकेदार ने 1 साल के अंदर खराब होने पर बदलने को ठीक करने की गारंटी ली थी ।अब सोलर लाइट खराब होने पर ठेकेदार फरार है। स्थानीय दुकानदार तकनीशियन सरकारी लाइट बताकर इसे बनाने से कतरा रहे हैं। ठेकेदारों व संबंधित लोगों ने सोलर लाइट लगाते वक्त व लगाने के बाद एक बार भी लोगों से बात करना मुनासिब नहीं समझा था।
बताते चलें कुछ सोलर लाइट तो खास लोग अपने दरवाजे पर बाउंड्री में भी लगा रखा है जो नियम के विपरीत है ।सोलर लाइट लगाते वक्त लोगों ने सवाल खड़े किए थे साथ ही शंका भी जताई थी कि जरूर लंबा गोल माल है ।उस समय अधिकारियों ने जांच के बाद कार्रवाई करने का आश्वासन देकर उसे ठंडे बस्ते में डाल दिया था ।उस समय सोलर लाइट की कीमत लगभग ₹18000 से लेकर ₹25000 तक एक सोलर लाइट खरीद पर दिखाया गया था। इस पर काफी विरोध भी हुआ था।
विकासखंड पिंड्रा के लगभग 54 गांवों में लाइट लगाने के लिए करोड़ों रुपया बिना टेंडर के पास कर दिए गए ।जबकि नियम है कि ₹100000 :एक लाख के ऊपर के कार्य को बिना टेंडर न किया जाए।
संपूर्ण समाधान दिवस में भी उठा था सोलर लाइट का मुद्दा लोगों ने एसडीएम को शिकायती पत्र देकर मुद्दा उठाया था। जिसे एस.डी.एम. ने जांचोपरांत कार्रवाई की बात कही थी । लेकिन 15 दिन बीत जाने के बाद भी कार्यवाही ना होने पर लोगों में आक्रोश है। गांव गरखड़ा के रामप्रवेश पांडे ,थाना गांव के अंजनी पांडे, परसरा के रामचंद्र समाज सेवी जगदंबा पांडेएडवोकेट आदि लोगों ने मामले की उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग की है। ताकि दुध का दुध व पानी का पानी हो।
बी.डी.ओ.चन्द़ शेखर ने अपने कार्यकाल में 4 माह में ऐसी शिकायत व जन सूचना का मामला संज्ञान में आना नहीं बताया ।संज्ञान में मामला आने पर तत्काल कार्यवाही की जाएगी ।
No comments:
Post a Comment